नई दिल्ली: आम जनता को भारी लाभ का लालच दिखाकर 1100 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोपी डिस्क एसेट ग्रुप के चार निदेशकों को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. यह घोटाला तमिलनाडु में कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम के नाम से बहुचर्चित हुआ था. प्रवर्तन निदेशालय का यह भी दावा है कि इस मामले में आरोपियों की 1000 से ज्यादा संपत्तियां जब्त की गई है.
प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें एन उमाशंकर, एन अरुण कुमार, वी जनार्दन और सरवन कुमार शामिल हैं. इन लोगों पर आरोप है कि इन लोगों ने आम जनता को सब्जबाग दिखाए कि यदि पैसे उनकी कंपनी में जमा करेंगे तो उन्हें भारी ब्याज दिया जाएगा. लालच में आकर आम जनता ने इनकी कंपनियों में अपना पैसा जमा कराया.
पैसे से बड़े पैमाने पर अचल संपत्तियां खरीदने का आरोप
जनता द्वारा जमा कराई गई रकम को इन लोगों ने अपनी दूसरी अज्ञात कंपनियों में भेज दिया. यह भी आरोप है कि इस पैसे से बड़े पैमाने पर अचल संपत्तियां भी खरीदी गई. इन लोगों के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी के आदेश दिए थे लेकिन इस आदेश के खिलाफ ये लोग उच्चतम न्यायालय चले गए थे जहां इन लोगों की याचिका खारिज हो गई. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया.
ईडी का दावा है कि इन लोगों की 207 करोड़ रुपए की 1081 संपत्तियों को भी अटैच किया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इनकी जमानत याचिका खारिज करने किए जाने के बाद इन लोगों को गिरफ्तार कर विशेष जज के सामने पेश किया गया जहां से चारों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. मामले की जांच जारी है.