दिल्ली ; दिल्ली (Delhi) में कल इंटरनेशनल नशा निरोधक दिवस के मौके पर एम्स (AIIMS) से लोगों को जागरूक करने के लिए साइकिल रैली निकाली गई. एम्स से निकाली गई इस रैली को शुभारंभ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना और एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया द्वारा किया गया. इस मौके पर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि आज नशा एक ऐसी बीमारी है, जो युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है. उन्होंने बताया कि आज नशे के चपेट में फुटपाथ और रेलवे प्लेटफॉर्म पर रहने वाले बच्चे तक हो गए हैं.
वहीं दिल्ली एम्स के निदेसक डॉ रणदीप गुलेरिया ने इस मौके पर कहा कि लोग सोचते हैं जिन बच्चों के पास पैसे नहीं है वह कैसे नशा करते हैं. उनके पास तो खाने के भी पैसे नहीं होते हैं. आपको बता दें कि वह बच्चे सिर्फ मादक पदार्थ से नशा नहीं करते हैं वह व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, ब्रेड के साथ विक्स और बाम का सेवन नशे के रूप में करते हैं जो बेहद खतरनाक है.
अब एम्स में होगा नशे का इलाज
इंटरनेशनल नशा निरोधक दिवस के मौके पर एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जो कोई भी नशा छोड़ना चाहते हैं. वह एम्स में आकर डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं. उनका इलाज एम्स की ओर से किया जाएगा इसके अलावा उनकी हर संभव मदद भी की जाएगी. वहीं एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जसवंत जांगड़ा ने बताया कि 90 फीसदी लोगों को नशा छोड़ने के लिए सही इलाज या परामर्श नहीं मिल पाता. ऐसे लोग अपना इलाज मनोचिकित्सा विभाग में करवा सकते हैं.