21 हजार करोड़ की ठगी कर चाइनीज हो रहा था फरार, तभी गर्लफ्रेंड ने कराया गिरफ्तार

चीनी नागरिक ने उमापति के साथ मिलकर डिजिपेर्गो टेक प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत पिछले साल की थी. उन्होंने सिंगापुर स्थित जिकाई होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड की मदद से एक और कंपनी स्काइलाइन इनोवेशन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया.

हैदराबाद पुलिस ने अवैध रूप से काम कर रहे तत्काल लोन ऐप की जांच के सिलसिले में दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक चीनी नागरिक को दबोचा. चीनी नागरिक झू वी उर्फ लाम्बो लोन ऐप मामले में एक प्रमुख आरोपी है. वह भारत से भागने की फिराक में था. लेकिन, गुड़गांव में उसके कॉल सेंटर की एक वरिष्ठ महिला कर्मचारी के मोबाइल फोन पर उसके पासपोर्ट की एक तस्वीर थी, जिसके जरिए चीना नागरिक के प्लान पर पानी फिर गया. वह फ्रैंकफर्ट जाने के लिए उड़ान भरने से कुछ मिनट पहले ही बुधवार को पकड़ा गया.

जांचकर्ताओं ने गुड़गांव, हैदराबाद और बेंगलुरु में कॉल सेंटरों पर छापे मारे हैं. उन्होंने शुरू में चीनी राष्ट्रीय युआन युआन उर्फ जेनिफर के पासपोर्ट की एक फोटोकॉपी बरामद की. यह बरामदगी कॉल सेंटरों के कर्मचारियों की पूछताछ में की गई. पुलिस को भारतीय ऑपरेशन के प्रमुख लैंबो के बारे में पता चला, जो पहले से ही भूमिगत हो चुका है. कंपनियों ने कथित तौर पर 21,000 करोड़ रुपये का लेनदेन किया था.

एक कर्मचारी ने पुलिस को बताया कि लांबो एक वरिष्ठ प्रबंधक के साथ रिश्ते में था. एक अधिकारी ने कहा, “पुलिस ने उस महिला से पूछताछ की. उसके फोन से युवक के पासपोर्ट का विवरण मिला. ये हवाई अड्डे पर सुरक्षा अधिकारियों के साथ साझा किए गया, जिससे लांबो की गिरफ्तार किया गया.”

चीनी युवक को नहीं आती थी अंग्रेजी
बताया गया है कि चीनी नागरिक ने दावा किया कि उसे अंग्रेजी नहीं आती है. इसके बाद उससे Google ट्रांसलेटर की मदद से पूछताछ की गई. भारत में उसने अपने नाम से किसी भी बैंक खाते का उपयोग नहीं किया था. कथित तौर पर उसके खर्चों का उनके चीनी मालिकों के द्वारा भारतीय कर्मचारियों के खातों में राशि जमा की जाती थी.

चीनी नागरिक ने उमापति के साथ मिलकर डिजिपेर्गो टेक प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत पिछले साल की थी. उन्होंने सिंगापुर स्थित जिकाई होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड की मदद से एक और कंपनी स्काइलाइन इनोवेशन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया. उसने इंस्टेंट लोन ऐप्लिकेशंस विकसित किए और उन्हें गूगल प्ले स्टोर पर होस्ट किया. उसने भारत में विभिन्न स्थानों पर कॉल सेंटर के रूप में कुछ और कंपनियों की स्थापना की और ग्राहकों से पुनर्भुगतान एकत्र करने के लिए टेली कॉलर को काम पर रखा.

आरोपी ने विकसित किए 11 ऐप
आरोपी ने 11 इंस्टेंट लोन ऐप्लिकेशन विकसित किए जो व्यक्तियों को लोन प्रदान करते हैं और ब्याज, प्रसंस्करण शुल्क, जीएसटी, डिफॉल्ट शुल्क, और लोन अवधि की समाप्ति के बाद एक प्रतिशत जुर्माना सहित भारी भुगतान एकत्र करते हैं. वे चलाए जा रहे कॉल सेंटरों के माध्यम से डिफॉल्टरों को परेशान करते और धमकियां देते. उन्होंने कर्जदारों के रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को फर्जी कानूनी नोटिस भेजकर कर्जदारों को ब्लैकमेल भी किया. लोन ऐप्स में लोन ग्राम, कैश ट्रेन, कैश बस, ट्रिपल ए कैश, सुपर कैश, मिंट कैश, हैप्पी कैश, लोन कार्ड, रीपे वन, मनी बॉक्स, मंकी बॉक्स आदि हैं.

साइबर अपराध पुलिस स्टेशन ने हाल ही में एक नागरिक की शिकायत के बाद लोन ऐप्लिकेशन के खिलाफ आठ मामले दर्ज किए थे. शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने 28 इंस्टेंट लोन ऐप से 1.20 लाख रुपये का लोन प्राप्त किया और हालांकि, उसने 2 लाख रुपये की ऋण राशि का भुगतान किया, लेकिन उसे अपमानजनक और धमकी भरे कॉल मिले.

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