महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में बढ़ोतरी, पुलिस ने जारी किया आंकड़ा

जयपुर: राजस्थान में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध लगातार बढ़ रहे हैं. खुद राजस्थान पुलिस की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में मई 2021 में महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ है. ये आंकड़े इसलिए चौंकाने वाले हैं क्योंकि कोरोना की वजह से लागू लॉकडाउन में अपराधों का ग्राफ काफी बढ़ा है. दूसरा पहलू ये भी है कि दर्ज हुए मामलों में निस्तारण की रफ़्तार काफी धीमी रही.

राजस्थान पुलिस के पिछले तीन साल के जारी महिला अपराधों के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में छेड़छाड़ के कुल 3054 मामले दर्ज हुए थे जो साल 2020 में कम होकर 2978 रह गए लेकिन साल 2021 के दौरान मई तक ऐसे मामले बेतहाशा बढ़ गए और इनकी संख्या 3508 तक पहुंच गई. रेप के मामलों में तो इस साल मई तक बेहद बढ़े हैं.

साल 2019 में जहां कुल 2298 और साल 2020 में 1807 रेप के केस दर्ज हुए थे वहीं इस साल मई तक कुल 2461 रेप केस दर्ज हो चुके हैं. महिला उत्पीड़न के दर्ज मामले भी इस साल बढ़े हैं. साल 2019 के 7058 और साल 2020 में दर्ज 4103 मामलों की तुलना में साल 2021 मई तक महिला उत्पीड़न के 6254 मामले अब तक दर्ज किये जा चुके हैं.

साल 2019 से 2021 के मई महीने तक के इन आंकड़ों में एक राहत जरुर देखने को मिली कि साल 2019 में दहेज़ हत्या के 176 और साल 2020 के 187 मामलो की तुलना में इस साल मई तक दहेज़ हत्या के 178 मामले दर्ज हुए. लेकिन दहेज़ की वजह से हुई आत्महत्या के मामलों में भी इस साल वृद्धि हुई है. साल 2019 में 76 और साल 2020 में 63 दहेज़ आत्महत्या के मामले पंजीकृत हुए थे जबकि मौजूदा साल में अब तक कुल 86 मामले पूरे राज्य में दर्ज हो चुके है.

अपराध लगातार बढ़ रहे है लेकिन पुलिस की इन मामलों में जांच और अनुसंधान की रफ़्तार बेहद धीमी है जो राज्य की पुलिस के कामकाज पर सवालिया निशान लगाती है. साल 2021 में दर्ज हुए छेड़छाड़ के कुल दर्ज 3508 मामलों में से 1369 अब तक पेंडिंग है. इसी तरह रेप के कुल दर्ज 2461 मामलों में से 1120 मामलों का भी अब तक निस्तारण नहीं हुआ है.

दहेज़ मृत्यु के कुल दर्ज 178 मामलों की पेंडिग हालत तो और भी ज़्यादा विकट है क्योंकि 113 मामले अभी भी पेंडिंग चल रहे हैं. ऐसा ही हाल महिला उत्पीड़न के कुल दर्ज 6254 मामलों का है, कुल 2369 मामले पेंडिग होना इस बात को दर्शाता है कि महिला उत्पीड़न के मामलों को लेकर राज्य पुलिस कितनी संवेदनशील है.

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