Innocent Children Victims of Aggression: दुनिया भर में हिंसा के शिकार के बच्चों को समर्पित दिन, जानें इसके बारे में सबकुछ

वैश्विक सतह पर हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में सबसे ज्यादा प्रभावित होनेवाले बच्चे होते हैं. समझ पाने या खुद की सुरक्षा कर पाने में असमर्थ उन्हें मानसिक पीड़ा, भावनात्मक और शारीरिक दुख झेलना पड़ता है. उसकी स्वीकृति में हर साल 4 जून को इंटरनेशनल डे ऑफ इनोसेंट चिल्ड्रन विक्टिम्स ऑफ अग्रेशन मनाया जाता है. इस दिन संयुक्त राष्ट्र संघ बाल अधिकार की सुरक्षा को मजबूत करने और हिंसा से बचाने लिए अपने कर्तब्य की पुष्टि करता है.

दुनिया में आज का दिन बच्चों के लिए खास

सशस्र संघर्ष फूट पड़नेवाले क्षेत्र, समाज में बच्चे सबसे कमजोर समूह होते हैं. ऐसे समाज या क्षेत्र में उन्हें कई सुरक्षा के खतरों का सामना करना पड़ता है. लड़ाई के लिए मासूमों की भर्ती, अपहरण, हत्या, स्कूलों पर हमला, यौन शोषण, यौन तस्करी हिंसा में शामिल हैं. जबरन शादी और बलात्कार कांगो से लेकर नाइजीरिया, सीरिया से लेकर यमन और म्यामांर के संघर्ष क्षेत्रों में नियमित रणनीति बन गई है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है, “हाल के वर्षों में बच्चों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं. हिंसा से प्रभावित संघर्ष क्षेत्रों और देशों में रहनेवाले 250 मिलियन बच्चों की सुरक्षा के लिए ज्यादा किए जाने की जरूरत है.

बच्चों के खिलाफ हिंसा रोकने की कवायद

बच्चों को हिंसक चरमपंथियों के निशाने पर आने से बचाने, अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता, मानव अधिकार कानूनों को बढ़ावा देने और बाल अधिकार की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए जरूर किया जाना चाहिए.” आज के दिन बच्चों को बचाने की जरूरत पर जागरुकता फैलाने के लिए कई संगठन कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. इस मौके पर बच्चों के खिलाफ हिंसा की हकीकतों को उजागर किया जाता है. 19 अगस्त, 1982 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 जून को इंटरनेशनल डे ऑफ इनोसेंट चिल्ड्रन विक्टिम्स ऑफ अग्रेशन मनाने की घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र संघ ने फलस्तीन के सवाल पर आपातकालीन सत्र के दौरान फैसला किया।

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