चिंतन शिविर में पीएम मोदी भी होंगे शामिल, इंटरनल सिक्योरिटी पर गृह मंत्री ने बुलाई है हाई-लेवल मीटिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंतरिक सुरक्षा पर आयोजित होने वाले चिंतन शिविरमें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे. प्रधानमंत्री मोदी दूसरे दिन सभा को संबोधित करेंगे. प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने बुधवार को यह जानकारी दी. रिपोर्ट के मुताबिक चिंतन शिविर प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस समारोह में घोषित “पंच प्रण” के आधार पर आयोजित किए जा रहे हैं. दो दिवसीय चिंतन शिविर हरियाणा के फरीदाबाद में सुरजकुंड में 27-28 अक्टूबर को आयोजित किया जाना है. इस मीटिंग में विभिन्न राज्यों के गृह मंत्री हिस्सा लेंगे.

पीआईबी ने बताया कि यह मीटिंग कोऑपरेटिव फेडरलिज्म को ध्यान में रखते हुए आयोजित की जा रही है जो विभिन्न हितधारकों के बीच योजना और समन्वय में अधिक तालमेल लाएगा. इस मीटिंग में आंतरिक सुरक्षा के लिए नीति निर्माण पर चर्चा की जाएगी. दो दिवसीय चिंतन शिविर में पुलिस बलों के मॉडर्नाइजेशन, साइबर क्राइम मैनेजमेंट, आईटी या इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल, लैंड बॉर्डर मैनेजमेंट, कोस्टल सिक्योरिटी, महिला सुरक्षा, ड्रग ट्रैफिकिंग जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.

गृह मंत्रालय ने बुलाई ही मीटिंग
मीटिंग में विभिन्न राज्यों के गृह मंत्रियों के अलावा पीआईबी ने बताया कि राज्यों के गृह सचिव, डीजीपी, सीएपीएफ के डायरेक्टर जनरल, सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन के वरिष्ठ अधिकारी भी हिस्सा लेंगे. दो दिवसीय मीटिंग के पहले दिन गृह मंत्री अमित शाह सभा को संबोधित करेंगे. बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने विभिन्य मुद्दों पर एक प्रेजेंटेशन भी तैयार किए हैं. इससे पहले, पिछले साल सितंबर महीने में भी गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें नक्सल प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया था. सुरजकुंड में होने वाली मीटिंग भी गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई है.

गैर बीजेपी शासित राज्यों के प्रतिनिधियों पर सस्पेंस
गैर बीजेपी शासित राज्यों के गृह मंत्रियों और गृह सचिवों समेत डीजीपी के शामिल होने पर अभी भी सस्पेंस बरकार है. इस बीच मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और राजस्थान जैसे राज्य अपने प्रतिनिधियों को मीटिंग में भेज सकते हैं. चर्चा यह भी है कि कुछ राज्यों में गृह मंत्रालय का प्रभार भी मुख्यमंत्री के हाथों में है, ऐसे में उनके शामिल होने पर भी सस्पेंस है.

Related posts

Leave a Comment