चीखें न सुनाई दें इसलिए TV चलाया, फिर शव के किए 6 टुकड़े; बेटे ने कहा- मैंने बदला लिया

पश्चिम बंगाल के बरुईपुर हत्याकांड एक दिन का आक्रोश नहीं, वर्षों की प्रताड़ना का परिणाम है. आरोप है कि मृतक उज्जवल चक्रवर्ती हमेशा अपनी पत्नी और बेटे के साथ मारपीट करते थे. इसके चलते उनके अंदर आक्रोश पनपने लगा था और 15 नवंबर को रात मौका मिला तो पत्नी बेटे ने मिलकर पहले उज्जवल चक्रवर्ती का गला दबाकर हत्या किया और शव के छह टुकड़े कर अलग अलग स्थानों पर फेंक दिया. वारदात के दौरान तेज आवाज में टीवी चला दी थी. वारदात के बाद बेटे ने ही पुलिस में उनकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई. पुलिस की जांच के दौरान छह टुकड़ों में शव मिलने के बाद यह मामला भी दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड के साथ सुर्खियों में आ गया.

पुलिस ने आरोपी पत्नी और बेटे की निशानदेही पर बीते शुक्रवार को उज्जवल चक्रवर्ती के बॉडी पार्ट बरामद कर लिए. इसके बाद आरोपी पत्नी बेटे को गिरफ्तार कर पास पड़ोस के लोगों से पूछताछ शुरू की. इसमें पता चला कि उज्जवल चक्रवर्ती के साथ ऐसा होना ही था. दरअसल वह आए दिन अपनी पत्नी और बेटे के साथ मारपीट करते थे. कई बार पत्नी बेटों ने उनकी मारपीट का जवाब भी दिया. इससे इनके बीच टकराव बढ़ गया था. ऐसे में पड़ोसियों को पहले से अंदेशा था कि ऐसा कुछ हो सकता है. आखिर 15 नवंबर को जब 55 साल के पूर्व सैनिक उज्जवल की गुमशुदगी की सूचना आई तो पड़ोसियों को अनहोनी की आशंका हो गई थी. वहीं जब दो दिन बाद उनके बॉडी पार्ट मिले तो इस आशंका की पुष्टि हो गई.

चार साल से चल रहा था घरेलू हिंसा का दौर
उज्जवल के एक पड़ोसी ने बताया कि वह चार साल से उनके पड़ोसी हैं. इन चार सालों में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जिसमें इनके घर में मारपीट ना हुई हो. बल्कि अब पास पड़ोस के लोग भी इनके रोज रोज के झगड़े और मारपीट के आदी हो चुके हैं. पड़ोसियों ने बताया कि उज्जवल रोज शराब पीते थे. इसके बाद नशे में वह पत्नी और बेटे को पीटते थे. एक पड़ोसी ने बताया कि उज्जवल का बेटा जब बहुत छोटा था, उस समय उन्होंने बैकयार्ड में उसे रस्सियों से बांध कर डाल दिया था. बड़ी मुश्किल से पड़ोसियों ने उसे मुक्त कराया.

बीच सड़क पर कर देते थे पत्नी की पिटाई
पड़ोसियों के मुताबिक उज्जवल जब कभी अपनी पत्नी को किसी से बात करते देखते तो बीच सड़क पर उनकी पिटाई शुरू कर देते थे. ऐसे हालात में उनकी पत्नी घर से भाग जाना चाहती थी. पड़ोसी भी उनके व्यवहार को देखते हुए मानते थे कि वह पागल हैं. बता दें कि उज्जवल चक्रवर्ती का परिवार सालेपुर पश्चिम में एक सिंगल स्टोरी इमारत में करीब एक दशक से रहते आ रहे थे. करीब एक दशक पहले ही उज्जवल नेवी से रिटायर हुए थे और अब एक सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी कर रहे थे.

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