क्या है पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट NIP, जानिए कैसे इससे देश बनेगा 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 के अपने स्‍वतंत्रता दिवस संबोधन में इस बात का जिक्र किया था कि अगले पांच वर्षों में इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर 100 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे जिसमें सामाजिक और आर्थिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट भी शामिल हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline, NIP) के तहत 3.6 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की स्थिति की समीक्षा की. यह प्रोजेक्ट स्वास्थ्य मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत कई राज्यों में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कार्य चल रहा है. इसके तहत स्वास्थ्य मंत्रालय की 80,915 करोड़ रुपये की 24 परियोजनाओं और जल संसाधन विभाग की 2,79,604 करोड़ रुपये की 10 बड़ी परियोजनाओं पर काम जारी है.

एनआईपी की शुरुआत 6,835 परियोजनाओं के साथ की गई थी. इसे अब बढ़ाकर 7,300 परियोजनाएं कर दी गई हैं. इन परियोजनाओं के लिए 2020-25 के दौरान 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है. सरकार के मुताबिक, साल 2024-25 तक 5 ट्रिलियन (लाख करोड़) अमेरिकी डॉलर की जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) हासिल करने के लिए भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 1.4 ट्रिलियन डॉलर (100 लाख करोड़ रुपये) खर्च करने होंगे.

क्या है नेशनल पाइपलाइन प्रोजेक्ट (NIP: National Infrastructure Pipeline)
देश में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. इसके तहत प्रोजेक्ट की तैयारी और उन प्रोजेक्ट की मदद से निवेश आकर्षित करना मुख्य मकसद है. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश लाना, इस प्रोजेक्ट के कई लक्ष्यों में एक है. लक्ष्य पूरा होने से भारत को साल 2025 तक 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने में मदद मिलेगी. इस प्रोजेक्ट में देश के अंदर सामाजिक और आर्थिक परियोजनाओं पर काम किया जाना है.

केंद्र और राज्यों की भागीदारी
इस प्रोजेक्ट में केंद्र और राज्य सरकारें बराबर अनुपात में खर्च करेंगी. केंद्र की तरफ से 39 फीसद और राज्य की तरफ से 40 फीसद खर्च किया जाएगा. प्राइवेट सेक्टर की भी इसमें भागीदारी होगी और प्राइवेट कंपनियां 21 फीसद निवेश कर सकती हैं. संपत्तियों की बिक्री को बढ़ावा दिया जाएगा. इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स का मॉनेटाइजेशन किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस की स्थापना की जाएगी. इसी के साथ म्यूनिसिपल बॉन्ड मार्केट को मजबूत किया जाएगा.

कहां कितना होगा खर्च
साल 2008-17 के दौरान भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर लगभग 1.1 ट्रिलियन डॉलर निवेश किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 के अपने स्‍वतंत्रता दिवस संबोधन में इस बात का जिक्र किया था कि अगले पांच वर्षों में इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर 100 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे जिसमें सामाजिक और आर्थिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट भी शामिल हैं. साल 2020 से लेकर 2025 तक भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्च का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा अलग-अलग सेक्‍टरों जैसे कि ऊर्जा (24 प्रतिशत), सड़कों (19 प्रतिशत), शहरी (16 प्रतिशत) और रेलवे (13 प्रतिशत) पर खर्च किया जाएगा.

NIP से क्या होगा फायदा
एनआईपी में इंफ्रा प्रोजेक्ट को बढ़ावा देना है. इससे देश में बिजनेस बढ़ेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे, रोजगार से लोगों की आमदनी बढ़ेगी और जिंदगी आसान और सुखमय बनेगी. विकास में सबकी भागीदारी बढ़ेगी और हर स्तर पर लोग इसका फायदा ले सकेंगे. इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरने से सरकार की आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी. सरकार का रेवेन्यू बेस बढ़ेगा और जरूरत के हिसाब से सरकार खर्च का दायरा बढ़ाएगी. इस अच्छा असर बैंक, वित्तीय संस्थान और निवेशकों पर देखा जाएगा. इंफ्रा प्रोजेक्ट पूरी तैयारी से आगे बढ़ेंगे तो इसमें निवेशकों की दिलचस्पी और भरोसा बढ़ेगा. प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करने के बाद निवेशक आसानी से पैसा लगा सकेंगे.

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