तिहाड़ जेल में खूनी हमले में 2 कैदी जख्मी, डेढ़ महीने में 3 घटनाओं में 4 की अकाल मौत!

दिल्ली: किसी जमाने में एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली और अब दुनिया की चंद भ्रष्टतम जेलों में शुमार, दिल्ली में मौजूद तिहाड़ जेल में कत्ल-ए-आम, खून-खराबा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. 2 मई को यहां सात तालों के भीतर बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया कत्ल कर डाला गया. अब सोमवार (29 मई 2023) को दिन के वक्त दो कैदी गुट आपस में भिड़ गए. कैदियों के ही एक गैंग द्वारा चाकू और सूओं से किए गए हमले में दूसरा विचाराधीन कैदी बुरी तरह लहूलुहान हो गया. जबकि हमलावर कैदियों में से एक कैदी ने खुद से ही खुद को चाकू-सूए से गोद डाला

बदतर सुरक्षा इंतजामों का यह नमूना उस तिहाड़ जेल की सुरक्षा का है, जिसकी रखवाली और सुरक्षा इंतजामों पर हुकूमत सालाना अरबों रुपए फूंक रही है. इन तमाम तथ्यों की पुष्टि सोमवार को घटना के तत्काल बाद टीवी9 से बात करते हुए दिल्ली जेल महानिदेशक आईपीएस संजय बेनीवाल ने की. डीजी जेल के मुताबिक, “घटना कैदियों के दो पक्षों में दोपहर करीब एक बजे हुई. घायलों को पहले जेल हास्पिटल और बाद में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया है.

क्यूआरटी ने कराया बीच बचाव
इस मामले में थाना हरिनगर पुलिस घटना की जांच कर रही है. फिलहाल जेल के अंदर हालात नियंत्रण में हैं. जिस वक्त कैदियों के दोनों गुट भिड़े, तब वहां मौजूद तिहाड़ जेल सुरक्षाकर्मी और तमिलनाडु स्पेशल पुलिस फोर्स के जवानों की क्यूक रियएक्शन टीम भी मौजूद थी. क्यूआरटी ने ही तत्काल मौके पर पहुंचकर हालात नियंत्रित किए.”दिल्ली जेल महानिदेशालय के मुताबिक यह खूनी घटना तिहाड़ सेंट्रल जेल नंबर-1 के भीतर मौजूद कैदियों के वार्ड नंबर-2 में घटी. कैदियों के एक गुट ने षडयंत्र रचकर यहां बंद विचाराधीन कैदी राहुल उर्फ पवन पुत्र संतराम के ऊपर हमला कर दिया.

हमलावर कैदियों के हाथों में लोहे के नुकीले सुए, धारदार चाकूनुमा हथियार और जेल की दीवारों पर लगी टाइल्स के टुकड़े मौजूद थे. जिनसे विचाराधीन कैदी राहुल के ऊपर हमला किया गया. हमले की वजह फिलहाल खबर लिखे जाने तक नहीं पता चली है. इस खून-खराबे की घटना के दौरान कानूनी रूप से अपना पक्ष मजबूत करके, पीड़ित पक्ष को कमजोर जताने के लिए हमलावर कैदियों के गुट में शामिल एक विचाराधीन कैदी ने खुद ही गंभीर चोट मारकर खुद को जख्मी कर लिया.

ताकि इस मामले की जब पुलिस जांच हो और मुकदमा कोर्ट में पहुंचे, तो मुख्य हमलावर पक्ष अपनी तरफ से भी पीड़ित पक्ष के खिलाफ मुकदमा दायर कर सके. यह कहते हुए कि, पहले राहुल (जिसके ऊपर कई कैदियों ने मिलकर षडयंत्र के तहत जानलेवा हमला किया) ने हमला बोला. तब मजबूरी में अपनी जान बचाने के लिए मुलजिम पक्ष (जिसने षडयंत्र के तहत राहुल के ऊपर हमला किया) ने भी जवाबी हमला मजबूरी में किया.

पहले भी हो चुके हैं हमले
हमलावर कैदी गुट के जिस बदमाश ने खुद ही खुद को जख्मी कर लिया उसका नाम, आलोक उर्फ विशाल पुत्र मनोज गिरी है. आलोक भी विचाराधीन कैदी है और उस हमलावर गुट में शामिल था जिसने, विचाराधीन कैदी राहुल के ऊपर जानलेवा हमला किया. यहां बताना जरूरी है कि 14 अप्रैल से लेकर अब तक तिहाड़ जेल में दो बदमाशों को कत्ल किया जा चुका है. जबकि, 2 में से एक विचाराधीन कैदी और एक सजायाफ्ता मुजरिम की मौत संदिग्ध हालातों में हो चुकी है.

14 अप्रैल 2023 को यहां बंद बदमाश प्रिंस तेवतिया को चाकूओं से गोदकर मार डाला गया. उसके 17-18 दिन बाद ही 2 मई 2023 को गैंगस्टर सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया को कत्ल करके निपटा डाला गया. गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया पर हमले के दौरान कई अन्य कैदी भी बुरी तरह जख्मी हुए थे.

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