भारत में 2000 के नोट बंद, अमेरिका की इस नीति पर चलेगी सरकार, डिजिटल रुपया को मिलेगा बढ़ावा

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2000 के नोट को लेकर बड़ा फैसला किया. आरबीआई ने कहा कि 30 सितंबर के बाद से 2000 के नोट लीगल नहीं रहेंगे. आरबीआई ने बैंकों से साफ कहा है कि वे 2000 के नोट जारी न करें. रिजर्व बैंक ने कहा कि है कि जिसके पास दो हजार के नोट है, वे जल्द से जल्द बदल लें.

आरबीआई ने कहा कि 23 मई तक आप बैंक जाकर इस नोट को एक्सचेंज कर सकते हैं. नोटबंदी 2.0 को लेकर सूत्रों ने कहा कि सरकार अमेरिका की करेंसी नीति पर चलेगी. डिजिटल करेंसी को और बढ़ावा दिया जाएगा. बड़े नोटों की बजाय अमेरिका की तर्ज पर छोटे नोटों और डिजिटल करेंसी का किया इस्तेमाल जाएगा.

अमेरिकी करेंसी नीति पर चलेगी सरकार
सूत्रों ने आगे बताया कि आरबीआई का भारतीय डिजिटल रुपया बड़े नोटों का रूप लेगा. सरकार इस पर विचार कर रही है कि भारत में 500 तक के नोट तक जो करेंसी है, उसे फिक्स कर दिया जाए. सूत्रों ने बताया कि जिस तरह से अमेरिका अपनी करेंसी को चलाता है, उसी तरीके से यहां पर डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देकर और जो नोट हैं, उनकी जो वैल्यू है उसे 500 रुपये तक सिमित कर दिया जाए.

अमेरिका में 100 डॉलर से अधिक के नोट नहीं
सूत्रों ने आगे बताया कि भविष्य में इसकी भी संभावना बन सकती है कि हाई वैल्यू की करेंसी को 100 या 200 तक फिक्स कर दिया जाए. अमेरिका में छोटे नोटों का चलन है. यहां 100 डॉलर से अधिक के नोट नहीं है. यूएस में 1, 5, 10, 20, 50 और 100 डॉलर के नोट चलन में हैं.

  • नोटबंदी 2.0 की पांच बड़ी बातें
  • 30 सितंबर तक 2000 के नोट बदले जा सकेंगे
  • एक बार में 2000 के 10 नोट ही बदले जा सकेंगे.
  • 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 के नोट बैंक में जमा हो सकेंगे
  • 1 अक्टूबर से 2000 के नोट इलीगल हो जाएंगे.
  • नोटबंदी के बाद 2000 का नोट आया था
  • दरअसल, 8 नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 रुपये को नोट को मार्केट में लाया गया था. इस दौरान 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को बंद कर दिया गया था. आरबीआई ने बताया कि 2018-19 के वित्तीय वर्ष में 2000 के नोट की प्रिंटिंग बंद कर दी गई थी. 2000 के 89 फीसदी नोट 2017 से पहले जारी किया गया था.

इस वजह से लिया गया फैसला
31 मार्च तक 2023 तक 3.62 लाख करोड़ रुपये मुल्य के नोट चलन में थे. यह सर्कुलेशन में मौजूद कुल करेंसी का 10.8 हिस्सा है. सरकार ने ब्लैक मनी, फेक करेंसी, हवाला, ब्लैक मार्केटिंग, सत्तेबाजी, टेरर फंडिंग जैसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए यह फैसला किया. बड़े पैमाने पर लोग 2000 के नोट इकट्ठा कर रहे थे.

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