Google ने वेरिफाइड कॉल्स (Verified Calls) लॉन्च किया है. ये एंड्रॉयड डिवाइस के लिए है. इस फीचर के तहत एंड्रॉयड यूजर्स को ये जानकारी मिल सकेगी कि बिजनेस कॉल असली है फ्रॉड है. ये फीचर कई तरह के फ्रॉड से भी बचा सकता है. दरअसल इन दिनों किसी कॉल के ज़रिए कस्टमर्स क कई कंपनियाँ सर्विस देती हैं. कस्टमर केयर्स भी होते हैं, ऐसे में कई बार दूसरी तरफ से फ़्रॉड्स या साइबर क्रिमिनल्स कननी की कॉल बोल कर फ़्रॉड करते हैं.
Verified Calls यूजर्स को ये पता करने में मदद करेगा कि जो कॉल है वो सही कंपनी की तरफ से है या कोई फ्रॉड कर रहा है. गूगल इस फीचर को भारत सहित अमेरिका, ब्राजील, स्पेन और मैक्सिको में लॉन्च कर रहा है. भारत में सिम स्वैपिंग, ई-सिम फ़्रॉड से लेकर कई तरह के फ्रॉड हैं जो कॉल बेस्ड हैं. इसके तहत फ्रॉड्स ख़ुद को टेलीकॉम कंपनी का कस्टमर केयर का बता कर लोगों से जानकारी लेकर उनकी गाढ़ी कमाई को पल भरा में उड़ा लेते हैं.
Google Verified कोई ऐप नहीं है, बल्कि एंड्रॉयड का एक फीचर है जो लगभग सभी एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में इनबिल्ट दिया जाएगा. कुछ दिनों में ही एंड्रॉयड अपडेट के जरिए गूगल इस फीचर को पुश करेगी और तब आप इसे यूज कर पाएंगे.
Verified Calls के लिए गूगल कंपनियों के साथ पार्टनर्शिप करेगी ताकि यूजर्स को कॉल के समय कंपनियों की जानकारी मिल पाए. आप इसे ट्रू कॉलर का उदाहरण लेकर भी समझ सकते हैं. जैसे ट्रू कॉलर पर आपको कॉल आने पर ये दिखाई देता है कि कॉलर कौन है किस कंपनी से कॉल कर रहा. गूगल का वेरिफाईड कॉल फीचर इससे थोड़ा अलग भी है.
ट्रू कॉलर में सिर्फ़ बिज़नेस का नाम दिखता है जहां से कॉल आ रही है. लेकिन गूगल वेरिफाईड कॉलिंग में आपको कॉल क्यों किया जा रहा है इसकी भी जानकारी मिलेगी. कंपनी इसके लिए कुछ समय से टेस्टिंग कर रही थी. कंपनी का मानना है कि इस फ़ीचर से बिज़नेस और यूज़र्स दोनों को ही फ़ायदा मिलेगा.