नई दिल्लीः सिख संगठनों ने आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी मनाने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है. सेना ने साल 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए 6 जून को सैन्य अभियान चलाया था. इस बीच, पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है. अमृतसर में सुरक्षा ज्यादा कड़ी की है, जहां स्वर्ण मंदिर है. अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने कहा है कि शहरभर में निगरानी रखने के लिए 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया है.
पुलिस ने गुरुवार को हॉल गेट से हेरिटेज स्ट्रीट तक फ्लैग मार्च किया, जो स्वर्ण मंदिर की ओर जाता है. सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह इस साल ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर गुरु ग्रंथ साहिब के गोलियों से भरे पवित्र सरूप को प्रदर्शित करेगी. उस समय गर्भगृह में स्थापित सरूप पर 1984 में सेना की कार्रवाई के दौरान एक गोली लग गई थी.
एसजीपीसी की विशेष बैठक में लिया यह फैसला
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की कार्यकारी समिति की विशेष बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया. एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सिख समुदाय 1984 की घटनाओं को कभी नहीं भूल सकता.
ऑपरेशन ब्लूस्टार में कई लोगों की गई थी जान
ऑपरेशन ब्लूस्टार तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा अमृतसर में हरमंदिर साहिब कॉम्प्लेक्स (स्वर्ण मंदिर) में छिपे सिख आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए एक सैन्य कार्रवाई थी. 1 जून से 8 जून 1984 के बीच किए गए ऑपरेशन में कई लोगों की जान चली गई और स्वर्ण मंदिर का कुछ हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया था. ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगे भड़क गए थे जिनमें लगभग 3,000 सिख मारे गए थे.