नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे रोज नए सियासी समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं. प्रदेश में जहां बीजेपी एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर चुनाणी रणभूमि में जाने तो तैयार है तो वहीं विपक्ष अभी तक गठबंधन की राजनीति में उलझता नजर आ रहा है. इस बीच चुनाव से पहले एक और बड़ी खबर आयी है. AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर लड़ने का एलान कर दिया है. ओवैसी ने कहा है कि उनकी पार्टी का अभी तक सिर्फ ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के साथ गठबंधन है.
ओवैसी ने ट्वीट किया, ”उ.प्र. चुनाव को लेकर मैं कुछ बातें आपके सामने रख देना चाहता हूँ:- 1) हमने फैसला लिया है कि हम 100 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे, पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने का प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है. 2) हम ओम प्रकाश राजभर साहब ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ के साथ हैं। 3) हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है.”ओवैसी का यह एलान सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए चुनौती बनकर सामने आया है. एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के लिए ओवैसी से MY फैक्टर में सेंध का खतरा है तो वहीं दूसरी तरफ बसपा और कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक खिसकने का डर है. हालांकि मायावती साफ कर चुकी हैं कि वे पंजाब में अकाली दल को छोड़कर किसी भी प्रदेश में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगी.
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने भी इस बार क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन का फैसला किया है. कांग्रेस ने अभी गठबंधन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. लेकिन बिहार में ओवैसी की पार्टी के प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में उनके चुनावी जंग के एलान ने कांग्रेस, सपा और बसपा के माथे पर सिलवटें जरूर पैदा कर दी होंगी. ओवैसी के इन सब दावों के बीच एक बात याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश में 2017 में उनकी पार्टी ने चुनाव लड़ा था और कई सीटों पर जमानत जब्त हो गयी थी.
आइए जानते की ओवैसी की पार्टी ने अभी तक किन किन राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ा और उनसे में उनका प्रदर्शन कैसा रहा?
- तेलंगाना में साल 2018 के विधासभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सात सीटों पर कब्जा जमाया.
- 2019 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में AIMIM के हिस्सो दो सीटें आयीं.
- साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों को धोखा देते हुए पांच सीटें जीती. ओवैसी ने यह पांचों सीटें सीमांचल इलाके में जीतीं. इसस पहले 2019 में ही बिहार में विधानसभा के उपचुनाव में AIMIM ने 1 सीट जीती थी.
- बिहार में पांच सीट जीतने के बाद बंगाल के चुनाव में उतरे ओवैसी को किस्मत और जनता दोनों ने साथ नहीं दिया. यहां ओवैसी की पार्टी का खाता भी नहीं खुला.
- लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल 2019 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी के हिस्से दो सीटें आयीं.
एक नजर असदुद्दीन ओवैसी के राजनीतिक करियर पर
असदुद्दीन ओवैसी AIMIM पार्टी के अध्यक्ष है, AIMIM तेलंगाना की क्षेत्रीय पार्टी है, जो अन्य राज्यों में प्रसार कर रही है. ओवैसी की पार्टी की मुस्लिम वोट बैंक पर नजर रखती है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद से AIMIM के सांसद चुने गए. बिहार विधानसभा के चुनाव के बाद कहा जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी मुसलमानों की राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन कर उभरी है. ओवैसी के बढ़ते राजनीति कद को कुछ राजनीतिक पंडित दूसरी सेक्युलर पार्टियों की विफलता के तौौर पर देखते हैं.