दिल्ली: उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एक नई पहल शुरू की जा रही है. इसके तहत सरकारी अस्पताल में लड़कियों के जन्म के साथ ही उनके बर्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट खोले जाएंगे. इसकी शुरुआत 10 जून से हो गई है. बता दें कि सरकारी अस्पतालों में ये शुरुआत ‘नन्ही परी’ के नाम से की गई है. अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही नवजातों को ये सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं इतना ही नहीं स्मृति चिन्ह के तौर पर बच्ची के पदचिन्ह और फोटो भी दी जा रही है.
बच्ची के जन्म के साथ ही दिए जाएंगे सभी डॉक्यूमेंट्स
इस नई पहल के बारे में उत्तर पश्चिम जिले की डीएम चेष्टा यादव ने कहा कि इसके जरिए बच्ची के सभी दस्तावेज उनके जन्म के साथ ही उपलब्ध करवाए जाएंगे. वहीं जिला प्रशासन ने जानकारी दी है कि इसके लिए ऑफिस के प्रतिनिधियों ने आधार अधिकारियों और एमसीडी से विस्तृत चर्चा भी की है और वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हो गए जिसके बाद योजना को अमलीजामा पहना दिया गया.
पहले दिन 8 बच्चियों को मिली योजना की सौगात
बता दें कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली की डीएम द्वारा संजय गांधी अस्पताल में शुक्रवार को इसकी शुरुआत की गई थी. पहले ही दिन आठ नवजात बच्चियों को इस नन्ही परी योजना की सौगात दी गई. वहीं तीन अन्य अस्पताल भगवान महावीर अस्पताल, बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल और दीपचंद बंधु अस्पताल में इसकी शुरुआत अगले हफ्ते तक हो जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि बर्थ सर्टिफिकेट और आधार कार्ड न होने की वजह से नन्ही बच्चियों को बैंक में सुकन्या समृद्धि योजना और लाडली स्कीम का कोई लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में ये योजना शुरू होने से नन्ही परियों को इन स्कीमों की सौगात मिल सकेगी.