जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा (Jammu and Kashmir LG Manoj Sinha) ने जम्मू आधार शिविर से अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया. वार्षिक अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) कल यानी 30 जून से औपचारिक रूप से शुरू हो रही है. कोरोना महामारी की वजह से दो साल से बंद इस यात्री में इसबार रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों को पहुंचने की उम्मीद है. यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन (Jammu and Kashmir Administratio) का अनुमान है कि इसबार आठ लाख से अधिक तीर्थयात्री यात्रा के लिए आ सकते हैं.
सुरक्षा बल सतर्क-एलजी
इससे पहले यात्रा की सुरक्षा समीक्षा करते हुए एलजी सिन्हा ने कहा कि, केंद्र शासित प्रदेश के लोग आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं. सिन्हा ने भगवतीनगर में यात्री निवास आधार शिविर का दौरा किया और तीर्थयात्रा की व्यवस्था की समीक्षा की. सिन्हा ने कहा, ”सुरक्षा बल सतर्क हैं. यात्रा के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.”
जम्मू में तैनात होंगे 5000 सुरक्षाकर्मी-एलजी
अमरनाथ यात्रा आगामी 30 जून से दो मार्गों से शुरू होगी. पहला 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक मार्ग जो कि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम से शुरू होता है. दूसरा 14 किलोमीटर लंबा मार्ग मध्य कश्मीर के बालटाल से शुरू होता है. गौरतलब है कि 2019 में यात्रा को अनुच्छेद 370 के कारण बीच में रोक दिया गया था और फिर दो साल कोविड महामारी के कारण यात्रा नहीं हो सकी. यात्रा के लिए अब तक लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रा के लिए जम्मू शहर में कम से कम पांच हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे.
11 अगस्त तक चलेगी यात्रा
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) तीर्थयात्रा करने के इच्छुक श्रद्धालुओं के वास्ते सारे इंतजाम कर रहा है. साथ ही उसने उन लोगों के लिए ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की है जो यात्रा नहीं कर सकते. बोर्ड ने यात्रा के इच्छुक लोगों से आधार कार्ड या अन्य बायोमेट्रिक सत्यापित दस्तावेज लेकर आने को कहा है. यह यात्रा 30 जून को शुरू होगी और इसका समापन रक्षाबंधन के दिन 11 अगस्त को होगा.