दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejariwal) को उपराज्यपाल (lieutenant Governor) ने सिंगापुर (Singapore) जाने की अनुमति नहीं दी थी. इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट आज सुनवाई करेगा. यह याचिका दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने दायर की है. इसमें कहा गया है कि निर्वाचित संवैधानिक पदाधिकारियों के विदेश यात्रा करने के लिए एक गाइडलाइन बनाई जाए.याचिका में यह भी कहा गया है कि उपराज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की इजाजत न देना तर्कसंगत नहीं है.
याचिकाकर्ता ने क्या आरोप लगाया है
दिल्ली हाई कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को कोर्ट में हलफनामा देकर इस मामले पर पूरी जानकारी देनी है. याचिकाकर्ता ने मांग की गई है कि निर्वाचित संवैधानिक पदाधिकारियों के विदेश यात्रा करने के लिए आवश्यक अनुमति के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार के मंत्रियों की व्यक्तिगत विदेश यात्राओं के लिए विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी की आवश्यकता निजता के अधिकार और संवैधानिक कार्यालय की गरिमा का उल्लंघन है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के खिलाफ उपराज्यपाल की सलाह उनके कार्यालय के अधिकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है.इसी आधार पर याचिका में उपराज्यपाल के उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई है.
अरविंद केजरीवाल को अगस्त के पहले हफ्ते में होने वाली सिंगापुर में होने वाले ‘वर्ल्ड सिटीज समिट’ के लिए आमंत्रित किया गया था.दिल्ली सरकार ने कहा था कि मुख्यमंत्री की ओर से सिंगापुर यात्रा को लेकर फाइल सात जून को ही भेज दी गई थी. लेकिन उपराज्यपाल ने इसे 21 जुलाई को वापस किया, तब तक बहुत देर हो गई थी.दिल्ली सरकार ने एक बयान में इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.
इजाजत न मिलने पर अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा था
सिंगापुर यात्रा की इजाजत न मिलने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ”अच्छा होता अगर मैं जा पाता और दुनिया के सामने भारत में किए जा रहे कार्यों को लेकर मैं अपने विचार साझा कर पाता.मैं इसे लेकर किसी पर दोष नहीं मढ़ रहा हूं.”