केंद्र सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने का एलान किया है। वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आपत्ति जाहिर की है।
रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक देश एक चुनाव पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इंडिया यानी भारत, राज्यों का एक संघ है। एक देश, एक चुनाव का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है।
वहीं, रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी एक देश, एक चुनाव कराने को लेकर सरकार के मंसूबे पर सवाल खड़ा किया है। सीएम गहलोत राजस्थान के फलौदी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,”यह इतना बड़ा फैसला (एक राष्ट्र एक चुनाव) है, उन्हें (केंद्र को) सभी विपक्षी दलों के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए थी। अगर चर्चा के बाद एक साथ निर्णय लिया गया होता, तो लोगों को विश्वास होता कि वे (केंद्र) देश के हित में कुछ कर रहे होंगे। लेकिन अब लोगों को उनके इरादों पर संदेह है, लोग चिंतित हैं।
बता दें कि इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। वहीं, विपक्षी दलों की गुट आई. एन.डी. आई.ए. ने कुछ ही दिनों पहले मुंबई में अपनी तीसरी बैठक की थी, जिसमें विपक्षी के कई दिग्गज नेताओं ने शिरकत किया था।
बता दें कि द्वारा’वन नेशन-वन इलेक्शन’ के लिए जो कमेटी गठित की गई है, उनमें अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को शामिल हैं। गौरतलब है कि इस कमेटी से अधीर रंजन चौधरी ने अपना नाम वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है।