फीफा वर्ल्ड कप, आम चुनाव… भारत में होने वाली एंटी टेरर कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लेंगे 14 देश

इस साल नो मनी फॉर टेरर (NMFT) कॉन्फ्रेंस की मेजबानी भारत कर रहा है. 18-19 नवंबर को होने वाले इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य लोग हिस्सा लेंगे. एक रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्व के कई देशों ने इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने की असमर्थता जताई है. इसके पीछे फीफा वर्ल्ड कप, आम चुनाव सहित कई कारण बताए गए हैं. ये बैठक वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीति तैयार करने के लिए होती है. कोरोना के बाद पहली बार ये मीटिंग भारत में होने जा रही है.

2018 में पहला NMFT सम्मेलन पेरिस में हुआ था और दूसरा 2019 में मेलबर्न में आयोजित किया गया था. कार्यक्रम के अनुसार यह निर्णय लिया गया था कि भारत 2020 में बैठक की मेजबानी करेगा. लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसको आगे के लिए टाल दिया गया था. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए भारत ने 87 देशों और 26 बहुपक्षीय संगठनों (Multilateral Organisations) को इनवाइट किया था.

बैठक में हिस्सा लेंगे 50 देश
कुछ देश अभी भी बैठक में भाग लेने के लिए अपनी सहमति भेज रहे हैं और कुछ देश इसमें भाग लेने में असमर्थता के बारे में सूचित किया है. रिपोर्ट के मुताबिक अब तक लगभग 50 देशों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है. उनमें से कुछ ने मंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का आश्वासन दिया है. बाकी करीब 14 देशों ने अपना वैलिड रीजन बताने के बाद भी इसमें भाग लेने में असमर्थता जताई.

आतंकवाद को रोकने के लिए होती है बैठक
सूत्रों ने कहा कि कतर ने 20 नवंबर से शुरू होने वाले फीफा -2022 विश्व कप का हवाला देते हुए भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की, जबकि मलेशिया ने अक्टूबर में अपनी संसद भंग होने के बाद आम चुनावों का हवाला दिया और इराक ने सूचित किया कि वह इस मीटिंग में भाग नहीं लेगा लें क्योंकि उनके यहां नई नियुक्तियां अभी चल रही हैं. सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में आतंकवाद और आतंकवादियों को वित्तीय मदद, आतंकवाद को प्रोत्साहित करने के लिए डायरेक्ट और इनडायरेक्ट पैसे की मदद, नई नई टेक्नॉलजी सहित आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने की नीतियो का समाधान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सहित कई विषयों पर चर्चा होगी.

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