डिफेंस सेक्टर की इस कंपनी में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, सरकारी खजाने में आएंगे 1 हजार करोड़

दीपम द्वारा जारी प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (PMI) के अनुसार, बोली लगाने वाले BEML में हिस्सेदारी खरीदने के लिये 1 मार्च तक ईओआई (EoI) जमा कर सकते हैं.

सरकार ने सरकारी डिफेंस और इंजीनियरिंग कंपनी बीईएमएल लिमिटेड (BEML Ltd) में प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ 26 फीसदी हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री के लिए प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की. डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने ट्वीट किया, सरकार ने प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ BEML लिमिटेड की 26 फीसदी इक्विटी शेयर पूंजी के विनिवेश के लिये रुचिपत्र जारी किया है.

दीपम द्वारा जारी प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (PMI) के अनुसार, बोली लगाने वाले BEML में हिस्सेदारी खरीदने के लिये 1 मार्च तक ईओआई (EoI) जमा कर सकते हैं. मौजूदा बाजार मूल्य पर 26 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से सरकारी खजाने को लगभग 1 हजार करोड़ रुपए मिल सकते हैं.

क्या करती है कंपनी?
बीईएमएल के शेयर शुक्रवार को 974.25 रुपए पर बंद हुए. बीईएमएल रक्षा, रेल, बिजली, खनन और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में काम करती है. वित्त वर्ष 2019-20 में परिचालन से कंपनी का कुल राजस्व 3,028.82 करोड़ रुपये था.

RCFL में भी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
सरकार राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (RCFL) में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है और शेयर बिक्री प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए मर्चेंट बैंकर तथा विधि कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की है. निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने एक नोटिस में कहा कि इसमें रूचि रखने वाले मर्चेंट बैंकर और विधि परामर्शदाताओं को 28 जनवरी और 29 जनवरी तक बोलियां जमा करनी होगी.

300 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद
सरकार की आरसीएफएल में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उसकी बिक्री पेशकश (OFS) के जरिये 10 प्रतिशत विनिवेश की योजना है. मर्चेंट बैंकर को सरकार को बिक्री पेशकश के समय और तौर-तरीकों के बारे में परमर्श देना होगा. साथ ही बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करना होगा. इसके अलावा जहां भी जरूरत होगी, नियामकीय एजेंसियों से मंजूरी और छूट हासिल करने में मदद करनी होगी. सरकार शेयर बिक्री प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए दो मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति करेगी. मौजूदा बाजार भाव पर 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री से सरकारी खजाने को करीब 300 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे.

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