अप्रैल में गर्मी ने तोड़ा 122 साल का रिकॉर्ड, मई में और चढ़ेगा पारा, रुलाएंगी गर्म हवाएं

भारत के कई राज्यों में तापमान की मार जारी है. उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अप्रैल का तापमान साल 1900 के बाद से सबसे ज्यादा था और मई में भी उत्तर और पश्चिम भारत में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, देश के बाकी हिस्सों में तापमान मार्च और अप्रैल के स्तर नहीं छू पाएगा.

मौसम विभाग ने एक बयान में शनिवार को बताया कि मई के दौरान, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है. दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य या सामान्य से कम न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है

आईएमडी के डीजी मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मई के महीने में राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में गर्म हवाएं चलती रहेंगी.

साल 1901 के बाद से इस साल अप्रैल का महीना भारत में चौथा सबसे गर्म रहा. जबकि भारत के उत्तर पश्चिम और मध्य क्षेत्र में अप्रैल 122 साल में सबसे गर्म रहा है. एक से 28 अप्रैल तक उत्तर पश्चिम भारत में औसत तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस था जबकि मध्य भारत में 37.78 डिग्री सेल्सियस.

जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर होता है, तब हीटवेव घोषित कर दी जाती है. आईएमडी के अनुसार, अगर सामान्य तापमान से डिपार्चर 6.4 डिग्री ज्यादा है, तो एक गंभीर हीटवेव घोषित की जाती है. वहीं खतरनाक हीटवेव तब घोषित की जाती है जब कोई क्षेत्र अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज करता है. अधिकतम तापमान 47 डिग्री को पार करने पर भीषण लू की घोषणा की जाती है. उत्तर और पश्चिम भारत के कई हिस्सों में तापमान नियमित रूप से 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा है.

हालांकि आईएमडी का मौसम मॉडल कहता है कि उभरते हुए पश्चिमी विक्षोभ के कारण मई के मध्य से गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. महापात्र ने कहा, ‘अप्रैल में पांच पश्चिमी विक्षोभ बने थे, लेकिन उनमें से कोई भी उतना मजबूत नहीं था और इसलिए बारिश नहीं हुई.’ उन्होंने कहा कि ला नीना की स्थिति के बावजूद भारत पर हीटवेव की स्थिति का होना अपेक्षाकृत असामान्य था.

उन्होंने कहा कि मई में दक्षिण, मध्य और पूर्वी भारत में सामान्य से अधिक बारिश होगी, लेकिन इस महीने में बेस रेनफॉल कम होगी. जबकि मध्य और पश्चिमी भारत के अधिकांश हिस्सों में बेहद कम.

आईएमडी ने ‘सामान्य’ मानसून या 87 सेंटीमीटर के 99% लॉन्ग पीरियड एवरेज का अनुमान लगाया है और उम्मीद है कि मई के आखिर में केरल में मॉनसून आ सकता है.

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