Pakistan में ‘केवल पांच दिन का डीज़ल’ बचा, इमरान ख़ान पर बढ़ा इस्तीफ़े का दबाव

यूक्रेन-रूस (Ukraine Russia War) संघर्ष के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़ने से पाकिस्तान (Pakistan) पेट्रोलियम उत्पादों (Petroleum Products) की कमी से जूझ रहा है और उसके पास डीजल (Diesel) का केवल पांच दिनों का भंडार बचा है.एक मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह बात कही गई.एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी बैंकों ने भी तेल कंपनियों को उच्च जोखिम वाली श्रेणियों में रखा है और ऋण (Loan) देने से इनकार कर दिया. पाकिस्तान में इमरान सरकार (Imran Khan) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. विपक्ष ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को वापस लेने का सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया है.

स्थानीय मीडिया के अनुसार विपक्ष ने यह साफ कर दिया है कि अविश्वास प्रस्ताव को तभी वापस लिया जाएगा जब प्रधानमंत्री इमरान खान इस्तीफा देंगे. द न्यूज़ इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने रविवार को विपक्ष को एक डील का ऑफर दिया था कि ताकि वो अपना अविश्वास प्रस्ताव वापल ले लें. उन्होंने कहा था,” देखते हैं बदले में क्या दिया जा सकता है.”

विपक्ष पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और अर्थव्यवस्था की बुरी हालत को लेकर लंबे समय से पाकिस्तान की मौजूदा सरकार पर हमलावर बना हुआ है. विपक्ष ने सरकार की कोई भी बात मानने से इंकार कर दिया है. विपक्ष ने 8 मार्च को इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव संसद में रखा था. विपक्ष ने कहा है कि उसके पास ज़रूरी वोट हैं और वो किसी कीमत पर इसे वापस नहीं लेंगे.

वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनके विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने पर विपक्ष को निशाने पर लेते हुए रविवार को कहा था कि वह ‘आलू, टमाटर’ की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राजनीति में नहीं आये. खान ने पंजाब प्रांत के हाफिजाबाद में एक राजनीतिक रैली में कहा कि देश उन तत्वों के विरूद्ध खड़ा होगा जो ‘धनबल के माध्यम से’ सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उनके कार्यकाल के शेष समय में एक महान राष्ट्र बनने जा रहा है क्योंकि उनकी सरकार द्वारा घोषित रियायतों के नतीजे शीघ्र ही सामने आयेंगे.

उधर पाकिस्तान का नाम ग्रे लिस्ट की सूची से नहीं हटाया जा रहा है. इसे जून 2022 तक ग्रे लिस्ट की सूची में रहना होगा. गौरतलब है, जून 2018 से टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी शर्तों को पूरा न करने के कारण पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में से नही हटाया गया. इसके चलते पाकिस्तान में गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, मंहगाई चरम पर है और इमरान सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है. आतंकवादियों को फंडिंग (Terror Funding) के कारण आर्थिक मोर्च पर परेशानियों का सामना कर रहा पाकिस्तान (Pakistan) अब अपने दोस्त देशों और अंतरर्राष्ट्रीय संस्थानों के सामने मदद के लिए झोली फैला रहा है. प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) खुद बता चुके हैं कि पाकिस्तान के ऊपर क़रीब 30 हज़ार खरब का कर्ज है और लोग टैक्स भर नहीं रहे.

फरवरी की शुरूआत में खबर आई थी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के लिए अपने छह अरब डॉलर के रुके हुए बेलआउट पैकेज कार्यक्रम की छठी समीक्षा को पूरा करने की मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही IMF ने कुछ शर्तों के साथ नकदी की कमी का सामना कर रहे पाकिस्तान को लगभग एक अरब डॉलर के ऋण की एक किश्त जारी कर दी थी. IMF ने 3 जुलाई 2019 को पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूर किया था.

Related posts

Leave a Comment