रिपब्लिक डे से पहले इंडियन रेलवे का सुभाष चंद्र बोस को सम्मान, ‘Netaji Express’ की शुरुआत

150 साल पुरानी ट्रेन Howrah-Kalka Mail का नाम बदल कर इंडियन रेलवे ने नेताजी एक्सप्रेस कर दिया है. यह ट्रेन दिल्ली के रास्ते ईस्टर्न रेलवे हावड़ा और नॉर्दर्न रेलवे कालका को जोड़ती है.

रिपब्लिक डे (Republic Day 2021) से पहले इंडियन रेलवे ने स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस को सम्मान देते हुए एक बड़ा फैसला किया है. अब उनके नाम पर ट्रेन चलाई जाएगी. रेलवे ने फैसला किया कि हावड़ा-कालका मेल (Howrah-Kalka Mail) का नाम बदल कर नेताजी एक्सप्रेस (Netaji Express) किया जाएगा. सुभाष चंद्र बोस को हर कोई नेताजी के नाम से भी जानता है. रेलवे का यह फैसला इसलिए चर्चा में है, क्योंकि पिछले 150 सालों से इस ट्रेन का नाम हावड़ा-कालका मेल ही था. यह रेलवे की सबसे पुरानी ट्रेनों में एक है.

Howrah-Kalka Mail की कहानी ब्रिटिश जमाने से है. इसकी पहचान इंडियन रेलवे की विरासत की तरह है. यह ट्रेन दिल्ली के रास्ते ईस्टर्न रेलवे हावड़ा और नॉर्दर्न रेलवे कालका को जोड़ती है. यह जानकारी रेल मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में दी गई है. वर्तमान में कोरोना के कारण केवल स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं. यह ट्रेन अभी गाड़ी संख्या 02311 और 02312 के रूप में चल रही है. जब रेलवे की सामान्य सेवा बहाल हो जाएगी तो इस ट्रेन का नाम बदल दिया जाएगा.

इसी ट्रेन से दिया था ब्रिटिशर्स को चकमा
इतिहास के जानकारों का कहना है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इसी ट्रेन की मदद से ब्रिटिश हुकूमत को चकमा दिया था. आज से करीब 80 साल पहले उन्होंने धनबाद के गोमो (Gomoh) स्टेशन पर हावड़ा-कालका ट्रेन में बैठे और फिर लापता हो गए थे. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के साहस और वीरता ने देश को विदेशी दासता से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई. पराक्रम दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा को सम्मान देते हुए हावड़ा-कालका मेल को अब नेताजी एक्सप्रेस के रूप में जाना जाएगा.

1 जनवरी 1866 को शुरुआत
बता दें कि Howrah-Kalka Mail ट्रेन का इस्तेमाल ब्रिटिश हुकूमत शिमला जाने के लिए किया करता था. अंग्रेजों के जमाने में शिमला गर्मी के दिनों की राजधानी हुआ करता था. ऐसे में इस ट्रेन की मदद से उनका कोलकाता और शिमला आना-जाना लगा रहता था. इस ट्रेन की शुरुआत 1 जनवरी 1866 को की गई थी. उस समय इसका नाम हावड़ा-पेशावर एक्सप्रेस (Howrah-Peshawar Express) रखा गया था.

Related posts

Leave a Comment