दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा किसर्दियों के दौरान दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर है. उत्तर भारत में हिमालय की हवा, गंगा की नमी और धूल प्रदूषण और एक मैदानी क्षेत्र होने के नाते दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ गया है. पंजाब में पराली जलाने की घटना भी बढ़ गई है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अब तक केवल 4% प्रदूषण ही मल के जलने के कारण हो रहा है. दिल्ली में बायोमास जलती है. ये सभी कारक मिलकर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण संकट में योगदान करते हैं. पर्यावरण मंत्री ने पंजाब सरकार से अपील की कि वह पराली जलाना बंद करे.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मेरा गला प्रदूषण की वजह से उस समय जाम हो गया, जब मैं लुधियाना में एक समारोह के लिए गया था. जैसे हम कोरोना योद्धाओं को सलाम करते हैं, वैसे ही हमें CPCB क्रैक टीमों की भी सराहना करनी चाहिए.
पंजाब में 280% अधिक जलाई गई पराली
सरकारी डेटा बताता है कि पंजाब में पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 280% का इजाफा हुआ है. पिछले साल पंजाब में 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक 775 पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट हुई थीं जो इस साल इसी अवधि में 2,873 तक पहुंच गई हैं.
सच्चाई यह है कि पराली जलने से हवा के प्रदूषित होने का संकट एक बार फिर पूरी ताकत से लौट आया है. पिछले 24 घंटे में ही पराली जलाने की 900 घटनाओं की पहचान हुई है इनमें से अधिकतर मामले पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तर भारतीय राज्यों से हैं.