Elderly Women Charged with Complicity in Thousands of Murders: जर्मनी (Germany) के अभियोजकों ने एक 95 साल की महिला पर 10 हजार से ज्यादा लोगों की हत्या में मदद करने का आरोप लगाया है. ये महिला नाजी यातना शिविर (Nazi concentration camp) में सेक्रेटरी के तौर पर काम किया करती थी. वह दूसरे विश्व युद्ध (Second World War) के समय साल 1943 के 1945 के बीच नाजियों के कब्जे वाले पोलौंड के स्टटहॉफ कैंप में तैनात थी. अभियोजकों ने महिला का नाम नहीं बताया है. लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में महिला का नाम इर्मगार्ड एफ. बताया गया है.
ये महिला इस समय जर्मनी के हैम्बर्ग में स्थित बुजुर्गों के केयर होम में रहती है. महिला के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद एक बयान में अभियोजकों ने कहा है, ‘संदिग्ध पर यहूदी कैदियों, पॉलिश कट्टरपंथी और सोवियत रूस के युद्ध बंदियों की हत्या करने में मदद करने का आरोप है, ये महिला जून 1943 से अप्रैल 1945 के बीच स्टेनोग्राफर और कैंप की सेक्रेटरी कमांडर के तौर पर काम करती थी.’ (Women Charged with Complicity in Jews Murders) इन कथित अपराधों के समय महिला नाबालिग थी.
बड़े स्तर पर होगी जांच
अभियोजकों के प्रवक्ता पीटर म्यूलर राकॉ ने कहा कि कैंप की हालत बुरी होने के बाद भी कुछ लोग बच (Jews Holocaust Survivors) गए थे. इनमें से कई की हत्या करने की कोशिश हुई थी, जिसका अभी मूल्यांकन किया गया. अभी जांचकर्ता मामले की बड़े स्तर पर जांच करेंगे. वह उन पीड़ितों से भी बात करेंगे जो इस समय अमेरिका और इजरायल (Holocaust survivors in Israel) में रह रहे हैं.
इतिहासकार भी जांच में मदद करेंगे
इतिहासकारों की भी इस जांच में मदद ली जा रही है. वो ये जांच करेंगे कि आरोपी से कैंप में और किस तरह का काम कराया जाता होगा. हालांकि अब ये कोर्ट के ऊपर निर्भर करता है कि वह केस को ओपन करता है या नहीं. राकॉ का कहना है कि महिला सुनवाई में शामिल होने के लिए सक्षम है. चूंकी वह घटना के समय नाबालिग थी, इसलिए सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में होगी.
पहले भी सामने आए ऐसे मामले
इससे पहले साल 2011 में नाजी स्टाफ के तौर पर काम कर चुके जॉन डेम्जानजुक नामक शख्स को भी यहूदियों के मारने (Murders of Jews) के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीन पर काम करने का दोषी ठहराया गया था. जिसके बाद से जर्मनी नाजी स्टाफ के तौर पर काम कर चुके लोगों को बचाने की कोशिश कर रहा है. इससे पहले 94 साल और 93 साल के दो लोगों को भी नाजियों को मारने का दोषी ठहराया जा चुका है. दूसरे विश्व युद्ध के समय करीब 60 लाख यहूदियों (How many Jews killed in Holocaust) की हत्या की गई थी.