लखनऊ : यूपी में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. सूबे के वोट प्रतिशत में अच्छा खासा हिस्सा रखने वाले ब्राह्मणों को लुभाने के लिए बहुजन समाज पार्टी यानी BSP, ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित कर रही है. बीएसपी के प्रमुख नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि यह सम्मेलन 90 दिन चलेगा. मिश्रा ने बताया कि पहला फेज, भगवान श्री राम के दर्शन से जबकि दूसरा फेज वृंदावन में बांके बिहारी के दर्शन से शुरू हुआ. तीसरा फेज काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से और चौथा फेज चित्रकूट में दर्शन से हुआ.पांचवां फेज श्रावस्ती में भगवान बुद्ध के दर्शन से शुरू हुआ. इसके बाद लखनऊ में विशाल ब्राह्मण सम्मेलन होगा जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती शामिल होंगी.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था, “मुझे पूरी उम्मीद है कि ब्राह्मण अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देंगे. उन्होंने बताया था कि बसपा महासचिव एससी मिश्रा के नेतृत्व में 23 जुलाई को अयोध्या से ब्राह्मण समुदाय को जोड़ने और बसपा शासन में ही उनके हित सुरक्षित होने का आश्वासन देने के लिए एक अभियान शुरू किया जाएगा.”बता दें कि 2007 के यूपी विधान सभा चुनाव में मायावती ने नई सोशल इंजीनियरिंग कर अपनी बदौलत बहुमत हासिल किया था. उस वक्त मायावती ने दलित-ब्राह्मण गठजोड़ बनाया था और विधानसभा की 403 सीटों में से कुल 206 सीटें जीती थीं. उन्हें कुल 108 सीटों का फायदा हुआ था. यूपी में ब्राह्मणों का 10 फीसदी और दलितों का 20 फीसदी वोट बैंक माना जाता है. 20 फीसदी वोट बैंक मुस्लिमों का भी माना जाता है. मायावती की पार्टी दलितों की पार्टी समझी जाती है, जिसे मुसलमानों का भी साथ मिलता रहा है.