पटना: BIHAR: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना नहीं कराती है तो बिहार में राज्य के स्तर पर जाति के आंकड़ों के एकत्र करने की कवायद की जा सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को इस मुद्दे पर लिखे गए पत्र को लेकर कोई ‘जवाब’ नहीं मिलने के बीच नीतीश ने यह बात कही है. राजधानी पटना में आज पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने जाति आधारित जनगणना की मांग को दोहराया. बिहार विधानसभा ने वर्ष 2019 और 2020 में इस संबंध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था. नीतीश ने स्वीकार किया कि छह दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो जातिगत जनगणना के मुद्दे पर एक सर्वदलीय नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने का समय मांगा था उस पर पीएमओ का आज तक उन्हें जवाब नहीं मिला है.
गौरतलब है कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर बिहार विधानसभा में तय हुआ था कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल नीतीश कुमार के नेतृत्व में मिलेगा और पिछले बुधवार को इस संबंध में मिलने का समय के आग्रह के साथ एक पत्र भी भेजा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया.नीतीश कुमार ने कहा कि जब जनता दल यूनाइटेड के संसदीय दल के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा तो उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए कहा गया, हालांकि पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह के नेतृत्व में मुलाकात भी हुई और इस संबंध में मेमोरंडम दिया गया.
इससे पहले भी पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस संबंध में एक पत्र भेजा, लेकिन समय मिलेगा तब न. पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में कोई मामला हैं तो सोचना क्या है. सुप्रीम कोर्ट इस मसले को देख रहा हैं तो फ़ैसला करेगा. जेडीयू के सांसदों के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि हमारे पार्टी के सांसदों ने लिखकर दिया,अमित शाह जी से भी उन लोगों ने बात की है और अपना पक्ष रखा है.गौरतलब है कि इससे पहले भी नीतीश, जातिगत आधार पर जनगणना का मजबूती से समर्थन कर चुके हैं. जाति आधारित जनगणना पर उन्होंने पिछले सप्ताह मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘कोशिश होगी कि सब लोग मिलकर जाएं. अपनी बात को बिहार के अंदर जो सर्वसम्मति के प्रस्ताव है, उसके बारे में अपनी बात रख देनी चाहिए.’