मुजफ्फरनगर: पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर में आज किसानों ने एक बड़ी महापंचायत बुलाई है. इसमें देशभर के 15 राज्यों के 300 किसान संगठनों से जुड़े लोग हिस्सा लेंगे. किसानों की महापंचायत को देखते हुए यूपी पुलिस ने वहां कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुजफ्फरनगर में 8000 से ज्यादा पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवान तैनात किए गए हैं. किसान नेताओं का दावा है कि महापंचायत में दस लाख से ज्यादा किसान शामिल होंगे. किसान नेताओं ने कहा है कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले हो रही इस महापंचायत में मिशन यूपी की शुरुआत होगी, जिसके तहत किसान राज्यभर में जाकर बीजेपी का विरोध करेंगे.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया है कि महापंचायत मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में होगी. इसमें पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड के किसानों के भी शामिल होने की संभावना है. महापंचायत से पहले उन्होंने कहा, ” मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर की किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी. आइए मुजफ्फरनगर चलते हैं. आप सभी किसान आमंत्रित है.”
पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू), केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसान संघों के छत्र निकाय ने 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में एक महापंचायत बुलाई है. वहां किसानों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि महापंचायत स्थल की पुलिस ड्रोन से निगरानी करेगी. मेरठ जोन के एडीजी मौके पर कैम्प कर रहे हैं
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को दावा किया कि 15 राज्यों के हजारों किसानों ने रविवार को होने वाली किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के लिये उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पहुंचना शुरू कर दिया है. एसकेएम ने कहा कि महापंचायत से साबित हो जाएगा कि आंदोलन को सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है.
एसकेएम ने एक बयान में कहा, “5 सितंबर की महापंचायत योगी-मोदी सरकार को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की शक्ति का एहसास कराएगी. मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी.” इस महापंचायत में केरल और तनिलनाडु से भी किसान पहुंचे हैं.
बयान में कहा गया है कि किसानों के वास्ते भोजन की व्यवस्था के लिए 500 लंगर सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर चलने वाली मोबाइल लंगर प्रणाली भी शामिल हैं. महापंचायत में भाग लेने वाले किसानों के लिए 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं.
पंजाब के कुल 32 किसान संघों ने राज्य सरकार को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने के लिए 8 सितंबर की समय सीमा दी है. एसकेएम ने कहा कि अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो किसान 8 सितंबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार करेंगे.
तीन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन को नौ महीने से अधिक समय हो गया है. किसानों को डर है कि ये कानून एमएसपी प्रणाली को खत्म कर देंगे और उन्हें बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा. अब तक आंदोलनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच 10 से अधिक दौर की बातचीत विफल रही है. सरकार कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है.
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के लिये पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीकेयू महासचिव युद्धवीर सिंह भी किसान महापंचायत में शामिल होने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत समेत अन्य वरिष्ठ नेता रविवार को पहुंचेंगे.
राकेश टिकैत के बेटे चरण सिंह टिकैत ने कहा कि उनके पिता तब तक घर नहीं आएंगे, जब तक सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती. इस बीच, मुजफ्फरनगर जिले के अधिकारियों ने महापंचायत के मद्देनजर सभी शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है.
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि शनिवार शाम छह बजे से पांच सितंबर को महापंचायत खत्म होने तक शराब की सभी दुकानें बंद रहेंगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है.