Delhi Crime News: राजधानी दिल्ली में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष लूट की वारदातों में इजाफा देखा गया है. दिल्ली पुलिस के 15 जिलों में से 5 जिलों में लूट के मामले ज्यादा सामने आये हैं, सबसे ज्यादा लूट की घटनाएं उत्तर पूर्वी जिला से सामने आईं हैं. जबकि अन्य 4 जिले जिनमें लूट के मामले बाकी जिलों के मुकाबले ज्यादा हुए हैं उनमें साउथ, ईस्ट, आउटर और आउटर नार्थ जिले हैं. पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने दिल्ली के सभी 15 जिलों के डीसीपी को ये निर्देश दिया है कि आपराधिक घटनाओं में कमी आये इसके लिए पुख्ता रणनीति बनाई जाए लेकिन ये भी हिदायत दी कि किसी भी आपराधिक घटना से जुड़ी शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने में कोताही न बरती जाए. इसके अलावा सभी डिस्ट्रिक्ट डीसीपी को प्रतिदिन रात्रि गश्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
क्राइम रिव्यु मीटिंग में हुआ आंकड़ो का खुलासा
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने दिल्ली के सभी 15 जिलों के डीसीपी के साथ क्राइम रिव्यू मीटिंग की. इन 15 डीसीपी में 6 महिला डीसीपी भी शामिल है, जिन्हें हाल ही में नियुक्त किया गया है. क्राइम रिव्यू मीटिंग के दौरान सभी जिलों के क्राइम रिकॉर्ड पर भी विचार विमर्श किया गया. इस दौरान ये तथ्य सामने आया कि वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में लूट की घटनाओं में इजाफा हुआ है. पिछले वर्ष लूट के 1446 मामले दर्ज किए गए थे, तो वहीं इस वर्ष 7 अक्टूबर तक ये आंकड़ा 1662 हो चुका है.
क्या कहते हैं आंकड़े
लूट के मामलों की बात करें तो सभी 15 जिलों में इस वर्ष 7 अक्टूबर तक 1662 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में ये आंकड़ा 1446 था. 2021 में लूट के मामलों में अभी तक 3140 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आंकड़ो के मुताबिक 1 जनवरी 2021 से 7 अक्टूबर 2021 तक उत्तर-पूर्वी जिला में लूट के 174 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में इसी समय अवधि में ये आंकड़ा 167 था.
दक्षिणी जिले में इस वर्ष लूट के 156 मामले दर्ज किए गए, जो बीते वर्ष 138 था. पूर्वी जिले की बात करें तो 2021 में पिछले वर्ष के मुकाबले लूट के मामलों में कमी देखने को मिली है. 2021 में ये आंकड़ा 147 है, जबकि 2020 में 156 मामले सामने आए थे. बाहरी जिले में 2020 में 107 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस वर्ष ये आंकड़ा 144 है. वहीं उत्तरी-बाहरी जिले में 2020 में लूट के 93 मामले दर्ज किए गए थे, जो इस वर्ष बढ़ कर 139 तक पहुंच गया है.
पुलिस आयुक्त अस्थाना का निर्देश
क्राइम रिव्यू मीटिंग के दौरान पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सभी डीसीपी से अपराध पर अंकुश लगाने के उपाय जाने और ये भी जाना कि आखिर कौन सा डीसीपी अपराध की रोकथाम के लिए किस रणनीति के तहत काम कर रहा है. पुलिस आयुक्त ने सभी डीसीपी को ये हिदायत दी कि अपराध को कम करना है, रोकना है. इसका मतलब ये नहीं कि अपराध से जुड़ी शिकायत मिलने पर उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की जाए, अगर अपराध से जुड़ी कोई भी शिकायत मिलती है तो उसकी एफआईआर तुरंत दर्ज की जानी चाहिए.
पीसीआर वैन के रेस्पॉन्स टाइम पर भी हुई चर्चा
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने ये भी जाना कि जब से पीसीआर वैन को पुलिस थानों से जोड़ा गया है, तब से पीसीआर वैन का रेस्पॉन्स टाइम कितना रहा. इस दौरान 10 पुलिस थाने ऐसे रहे जिनकी परफॉर्मेंस सबसे कम रही. पीसीआर कॉल पर रेस्पॉन्स की बात करें तो इन 10 थानों में से बिंदापुर थाने का रिस्पॉन्स टाइम 12.11 रहा. समयपुर बादली का 11.37, जनकपुरी का 11.11 और ओखला थाने का 9.56 मिनट रहा.