नयी दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को संसद में कहा कि भारत विरोधी फर्जी खबरें (फेक न्यूज) फैलाने के लिए उसने पिछले दो महीनों में यूट्यूब चैनल और फेसबुक सहित 60 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट पर रोक लगा दी है। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने राज्यसभा में पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी और कहा कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बहुत गंभीर है।
मंत्री एल मुरुगन ने फर्जी खबरें फैलाने वालों और राष्ट्र विरोधी सामग्री के प्रकाशन पर कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित 60 से अधिक एकांउट पर रोका लगा दी गयी है। उन्होंने कहा कि ये यूट्यूब चैनल पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित हैं। समाचार पत्रों में फर्जी खबरों के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय प्रेस परिषद एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है और वह पत्रकार आचार संहिता का ध्यान रखती है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारों को आचार संहिता का पालन करना चाहिए। अगर वे प्रेस परिषद कानून की धारा 14 के तहत आचार संहिता का पालन नहीं करते हैं तो कार्रवाई शुरू की जाती है। उन्होंने कहा कि 150 से अधिक मामलों में कार्रवाई की गयी है। फर्जी समाचार फैलाने वाले ऐप की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर मुरुगन ने कहा कि सरकार ने तथ्यों की जांच करने के लिए एक इकाई स्थापित की है जिसने 13,000 से अधिक सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि यह इकाई वायरल फर्जी खबरों की भी पुष्टि कर रही है।