रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की एक महिला विधायक ने गुरुवार को विधानसभा में न्याय की मांग की और कहा कि उनके पति को क्षेत्र में अवैध रेत खनन के खिलाफ आवाज उठाने के बाद झूठे आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया है. सत्ताधारी दल की विधायक द्वारा इस मामले को उठाने के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सदस्य भी उनके समर्थन में आ गए और आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा और सम्मान खतरे में है.
विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के तत्काल बाद राजनांदगांव जिले के खुज्जी विधानसभा क्षेत्र की विधायक छन्नी साहू ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि क्या अध्यक्ष महोदय अपने सदन की इस सदस्य से यह नहीं जानना चाहेंगे कि उसने पिछले एक माह से अपनी सुरक्षा क्यों लौटा दी है और वह किस तरह अपने विधानसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बिना कोई सुरक्षा के अकेले भ्रमण कर कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं.
साहू ने कहा, ”मैं गृहमंत्री जी से यह पूछना व जानना चाहती हूं कि कैसे झूठी शिकायत पर दर्जन भर पुलिस जवानों की उपस्थिति तथा मेरे स्वयं घटनास्थल पर मौजूदगी के बाद भी मेरे पति के खिलाफ-गाली गलौज, जान से मारने की धमकी और एट्रोसिटी एक्ट का जुर्म पंजीबद्ध कर लिया गया.”
महिला विधायक ने कहा, ”मैं अपने पति के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध से विचलित नहीं हुई हूं. मुझे केवल इस बात का दुःख है कि झूठी शिकायत पर बिना जांच और नोटिस के जुर्म पंजीबद्ध कर लिया गया है.” विधायक ने इस दौरान पुलिस पर दोषियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया.
उन्होंने कहा, ”मैं गृह मंत्री जी से पूछना चाहती हूं आज जब महिला विधायक और उसका परिवार सुरक्षित नहीं है तब वह कैसे अपने क्षेत्र की जनता को न्याय दिला पाएगी और उनके अधिकारों की रक्षा कर पाएगी.”
विधायक ने सदन में कहा कि उन्होंने अपनी शिकायत गृह मंत्री के सामने भी रखी लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने अपनी सुरक्षा लौटा दी. वहीं, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक प्रमोद शर्मा ने भी दावा किया कि हाल ही में उनके खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया गया है. शर्मा ने कहा कि जब उन्होंने अपने क्षेत्र में एक जनसुनवाई के दौरान लोगों की शिकायतों को सामने रखा, तब पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.
तब विपक्ष के नेता धरम लाल कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और विधायक बृजमोहन अग्रवाल सहित अन्य भाजपा सदस्यों ने इसे गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि सरकार सदन के सदस्यों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने में विफल रही है.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा बहुत जरूरी है जिससे वह निडर होकर जनता का प्रतिनिधित्व कर सकें. महंत ने राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से विधायक के पति और विधायक शर्मा के खिलाफ दर्ज मामलों की फिर से जांच कराने के लिए कहा. विधानसभा अध्यक्ष ने गृह मंत्री से कहा कि वह शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले इस बारे में सूचित करें.