आर्यन खान के पास कैश नहीं था, ड्रग्‍स नहीं खरीद सकता था: कोर्ट में दी गई दलील

मुंबई : Mumbai Drug Bust Case: क्रूज शिप ड्रग्स पार्टी (Mumbai Drug Bust Case) मामले में बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) और अरबाज मर्चेंट की जमानत याचिका पर मुंबई के सेशन्स कोर्ट में सुनवाई हो रही है. आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे कोर्ट में हैं. उनके साथ काउंसिल अमित देसाई भी हैं. आर्यन के पक्ष में दलील रखते हुए अमित देसाई ने कहा, ‘पूरा मामला दोपहर 2 अक्टूबर को शुरू होता है जब मेरे क्लाइंट को एक क्रूज़ शिप में बुलाया जाता है. प्रतीक गाबा ने बुलाया था जो आर्गेनाइजर नहीं है और न ही वो गिरफ्तार हुए हैं. उनके कहने पर यह (आर्यन) वहां पहुंचे लेकिन चेक इन करने से पहले ही एनसीबी ने इन्हें हिरासत में लिया.उन्‍होंने कहा, ‘आर्यन के पास कैश नहीं था इसलिए वो ड्रग्स खरीद नहीं सकता था. उसके पास से ड्रग्स नहीं मिला इसलिए वो इसका सेवन नहीं करने वाला था.’

अमित देसाई के अनुसार, ‘पंचनामा में नारकोटिक्‍स कंट्रोल ब्‍यूरो (एनसीबी) ने कहा है कि IO आशीष प्रसाद ने कहा है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि शिप में ड्रग्स का इस्तेमाल और बेचने के लिए लाया जा रहा है. उसके बाद कुछ लोगों के नाम की जानकारी दी गई. बताया गया कि उनके पास ड्रग्स मौजूद है. उसके बाद एनसीबी की टीम ने शिप के गेट पर जांच शुरू की.शाम 6 बजकर 50 मिनट पर जांच शुरू की गई और तलाशी शुरू की गई. कुछ लोगों के पास से ड्रग, कॉण्ट्रा बैंड भी मिले. कुछ लोगों से 5 ग्राम MD, 10 ग्राम कोकीन, 10 ग्राम चरस बरामद किया गया. इश्मीत सिंह चड्डा के पास से ड्रग्स के 15 टेबलेट मिले, 40 हज़ार कैश मिला, जिस पर इश्मीत ने कहा कि वो इस कैश का इस्तेमाल ड्रग्स खरीदने के लिए करने वाले थे. उसके बाद दो और लोग DEPARTURE गेट पर पहुँचते हैं, जो आर्यन और अरबाज मर्चेंट हैं. उनको भी एनसीबी अधिकारियों ने अपनी जानकारी दी और उनसे पूछा कि क्या उनके पास कोई ड्रग है. उसमें अरबाज़ मर्चेंट ने माना कि उसके जूते में चरस मिला. अरबाज़ ने माना कि वो आर्यन के साथ चरस का सेवन करता है, आर्यन ने भी माना कि वो इजका सेवन करता है। कुल 6 ग्राम चरस मिला.’

अमित देसाई ने कहा, ‘अरबाज़ मर्चेंट से 6 ग्राम चरस मिला, लेकिन इसमें दोनों का नाम जोड़ा गया. आर्यन के पास से कुछ नहीं मिला, यह बात इसमें भी लिखा गया है. अरबाज़ के मामले में उनके वकील बताएंगे कि किस तरह यह बहुत कम मात्रा में मिली.’ उन्‍होंने कहा, ‘मैं आर्यन पर बात करता हूं. जानकारी के आधार पर एनसीबी को पता चला कि कुछ लोग ड्रग्स का सेवन और बेचने का काम करने वाले हैं लेकिन जो जानकारी मिली, उसके आधार पर आप देखें कि आर्यन के पास कुछ मिला ही नहीं. न उन्होंने इसका इस्तेमाल किया, न उनके पास ड्रग्स मौजूद था और न ही उन्होंने इसको बेचा. जिस जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई, वो जानकारी आर्यन के मामले में गलत साबित हुई. आर्यन के पास न ही ड्रग्‍स possession था, न ही उन्होंने इसका उपयोग किया, न कनज्‍यूम किया और न ही इसे बेचा.’ पंचनामे में मौजूद दूसरे लोगों की जानकारी देते हुए देसाई ने बताया कि किसी के पास से ड्रग्स मिला, किसी के पास से ड्रग्स खरीदने का पैसा, लेकिन आर्यन खान के पास से कुछ नहीं मिला. दूसरी ओर, एनसीबी कहना है कि आर्यन ने माना कि अरबाज़ के पास मौजूद चरस का सेवन वे करने वाले थे, लेकिन अदालत को भी पता है कि किस तरह से चीजों को एडमिट (स्‍वीकार) करवाया जाता है. गौरतलब है कि आर्यन खान, अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन को 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था

देसाई ने कहा, ‘पंचनामे में जहां कहा गया कि आर्यन और अरबाज़ मर्चेंट साथ में थे, मुनमुन के साथ हमारा कोई लेना देना नहीं है. उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया वो मुझे नहीं पता, मुझे केवल इतना पता है कि आर्यन और अरबाज़ को साथ में हिरासत में लिया गया लेकिन अदालत में तीनों को पेश कर उन्हें एक साथ गिरफ्तार किया गया.बार-बार जो ड्रग्स और कॅश की बात हो रही है, उसमें से आर्यन के पास से कुछ नहीं मिला और पूरे ड्रग्स में से केवल 6 ग्राम चरस अरबाज़ के पास से मिला है.लेकिन एक चीज़ जो बार-बार दिखाई देती है वो यही है कि न चरस, न MD या कोई पिल या कैश आर्यन के पास था. आर्यन के पास कैश नहीं था इसलिए वो ड्रग्स खरीद नहीं सकता था. उसके पास से ड्रग्स नहीं मिला इसलिए वो इसका सेवन नहीं करने वाला था.’मुंबई की मजिस्‍ट्रेट कोर्ट ने 7 अक्‍टूबर को आर्यन और सात अन्‍य को 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश दिए थे.

अमित देसाई ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘इन्होंने illicit international drugs trafficking का ज़िक्र किया और उसमें आर्यन का नाम शामिल किया. मुझे लगता है कि NCB को पता होगा कि NDPS एक्ट में illicit trafficking की जानकारी दी गई है और यह एक गंभीर चीज़ है. ऐसे शब्दों का ऐसे ही इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, यह सब केवल जमानत याचिका को रोकने के लिए किया गया है. क्या आप किसी भी तरह आर्यन को इससे जोड़ पाए हैं? अदालत ने पहले भी ऐसे मामलों पर सुनवाई की है. बिना किसी रिकवरी, पोजेशनके आर्यन खान को illicit trafficking से जोड़ा गया. यह एक साजिशहै जिसमें इन सभी को इसमें जोड़ा जा रहा है. हर किसी को क्रूज़ से नहीं गिरफ्तार किया गया, बाहर से भी लोगों को गिरफ्तार किया गया. Illicit trafficking में ड्रग्स की cultivating, production, manufacturing, consumption, import export interstate जैसे चीज़ें को शामिल किया जाता है ऐसे किसी चीज़ से इनका कोई लेना देना नहीं है, फिर भी illicit trafficking लिखा गया है Illicit trafficking में 27A के तहत कार्रवाई की जा सकती है. यही एक provision है जिसके तहत इस पर कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन जो रिमांड एप्लीकेशन है, उसमें जाने पर पता चलता है कि पंचनामा में illicit trafficking का कोई जिक्र भी नहीं है. यह कह सकते हैं कि जाँच में यह पता चलालेकिन जब आर्यन खान की तलाशी ली गई, उनके मोबाइल फोन को जब्त किया गया. रिमांड एप्लीकेशन में 27A का ज़िक्र नहीं है. यह इसलिए क्योंकि इनको पता है कि आर्यनका इससे कोई लेना देना नहीं है’

उन्‍होंने कहा, ‘मामले से जुड़े कुछ दूसरे आरोपियों का नाम लिया जा रहा है जिन पर 27A के तहत मामला दर्ज किया लेकिन उसमें कहीं आर्यन का नाम नहीं है. केवल उसकी कस्टडी के लिए illicit trafficking लिखा गया. आचित की भी गिरफ्तारी 27A के तहत नहीं हुई. अदालत जब इस मामले पर कोई फैसला दे, उससे पहले मैं उन्हें यही बताना चाहता हूँ कि illicit trafficking पर कार्रवाई 27A के तहत की है और आज तक ऐसा आर्यन के साथ हुआ नहीं.जब 3 अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया, तब भी इस सेक्शन का ज़िक्र नहीं था, जिसका आरोप यह अब लगा रहे हैं मुझे जिन आरोपो के लिए गिरफ्तार किया गया (drugs consumption, sale and possession) उसमें से मेरा कोई लेना देना नहीं

अरबाज़ ने भी कहा कि वो इसका सेवन खुद करने वाले हैं, इसमें conspiracy कहां साबित हो रही है.यह पूरी तरह से absurd आरोप है. जिन आधारों पर आर्यन को गिरफ्तार किया गया, हम उस पर ही चर्चा कर रहे हैं और हम इसी पर जमानत की मांग कर रहे है. हमारे युवा साथियों ने एक चार्ट बनाया है जिससे हटाया जा रहा है कि आर्यन का इससे कोई लेना देना नहीं है. अब यह चार्ट अदालत को दिया गया है और बताया जा रहा है कि किस तरह से बिना दूसरे आरोपियों से कोई लेना-देना नहीं होने के बावजूद उनके साथ जोड़ा जा रहा है.’

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