लुधियाना के ओल्ड सिटी इलाके में शनिवार को उस समय हालात तनावपूर्ण हो गए जब दुकानदारों और व्यापारियों ने BJP की तिरंगा यात्रा के दौरान किसानों और किसान प्रदर्शन के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी. इसके बाद बीजेपी को अपने कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक BJP के स्थानीय नेता ने बताया कि पार्टी की राज्य इकाई के आदेश के बाद यात्रा को स्थगित कर दिया गया है.
BJP की योजना थी कि एक विशाल तिरंगा यात्रा निकाली जाए और दिल्ली में 26 जनवरी को किसान प्रदर्शन रैली के दौरान हुई हिंसा का विरोध किया जा सके. लुधियाना में इस यात्रा की शुरुआत एमसी जोन ए ऑफिस से होनी थी, जो मीना बाजार चौक, गिरजाघर चौर, केशरगंज मंडी चौक से होते हुए महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास खत्म होती.
प्रदर्शनकारियों ने रोका BJP की यात्रा का रास्ता
हाथों में तिरंगा लिए BJP कार्यकर्ताओं ने जिला प्रमुख पुष्पेंद्र सिंघल के नेतृत्व में ‘भारत माता की जय’, तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारे लगाते हुए यात्रा शुरू की. इसके थोड़ी देर बाद ही अकालगढ़ बाजार इलाके के व्यापारियों और दुकानदारों ने भी प्रदर्शन शुरू कर दिया. ये प्रदर्शनकारी भी हाथों में तिरंगा झंडा और निशान साहिब लिए ‘जय जवान जय किसान’, ‘व्यापारी किसान एकता जिंदाबाद’, ‘हिंदू सिख एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे.
प्रदर्शनकारियों ने BJP कार्यकर्ताओं का रास्ता रोक लिया और यात्रा को आगे नहीं बढ़ने दिया. स्थिति तनावपूर्ण दिखते ही लुधियाना पुलिस के जॉइंट कमिश्नर दीपक पारिख ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की. पुलिस के मुताबिक उन्होंने BJP नेताओं से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए मार्च को रद्द करने की अपील की और उन्हें मना लिया. हालांकि सिंघल का दावा है कि यात्रा पार्टी नेतृत्व के निर्देश के चलते स्थगित की गई है.
BJP का दावा- कुछ लोगों के विरोध से नहीं रद्द हुई यात्रा
सिंघल ने कहा, “हमने उत्तेजित करने वाला कोई भी नारा नहीं लगाया. ये कार्यक्रम पार्टी की राज्य इकाई के नेतृत्व में तय किया गया था. हेडक्वार्टर से जब यात्रा को स्थगित करने का निर्देश आया तब हमने यात्रा शुरू ही की थी. यात्रा कुछ लोगों के विरोध के कारण रद्द नहीं हुई है. ये जल्द फिर से निकाली जाएगी.”
इसी बीच अकालगढ़ बाजार से प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने वाले मनप्रीत सिंह बंटी ने कहा, “हमने उनके प्रोपेगेंडा के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध किया तभी BJP ने अपनी यात्रा रद्द की. वे लोग किसानों के प्रदर्शन खत्म करने और उनकी आवाज को दबाने के लिए ऐसी तरकीबें अपना रहे हैं. हर संप्रदाय के लोग सद्भाव के साध पंजाब में रहते हैं, लेकिन BJP इनके बीच दूरियां बना रही है. हर समुदाय के लोग किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं.