मुंबई: महाराष्ट्र में आज भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं. महाराष्ट्र के पालघर में आज सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर रिक्टर स्केल पर 3.7 तीव्रता का भूकंप आया. ये जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दी. हालांकि किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है
इससे पहले 20 जून को दिल्ली में इसी समय पर हल्का भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 2.1 थी. भूकंप का केंद्र पंजाबी बाग इलाके में सात किलोमीटर की गहराई पर था. भूकंप दोपहर 12 बजकर दो मिनट पर आया. अच्छी बात ये है कि यहां भी जान या माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में अप्रैल से अगस्त 2020 के दौरान कम तीव्रता के भूकंप आए थे जिनका केंद्र उत्तर-पूर्वी दिल्ली, रोहतक, सोनीपत, बागपत, फरीदाबाद और अलवर में था.
आखिर क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से जाना जाता है. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है. इसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिलने लगती है तो उसे भूकंप कहते हैं. ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है.
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है. लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे सुनामी भी कहते हैं ।