नई दिल्ली: यूपी, उत्तराखंड सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Election Results) में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी स्तर पर समीक्षाओं का दौर जारी है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी के पांचों राज्यों के प्रमुखों से इस्तीफा देने को कहा है. कांग्रेस (Congress) के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जानकारी दी कि कांग्रेस की यूपी इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, गोवा इकाई के अध्यक्ष गिरीश चोडानकर और मणिपुर इकाई के अध्यक्ष एन लोकेन सिंह से इस्तीफा देने को कहा गया है, ताकि प्रदेश कांग्रेस कमेटियों का पुनर्गठन किया जा सके.”कांग्रेस कार्यसमिति की दो दिन पहले हुई बैठक के बाद यह पहला बड़ा फैसला आया है. पांच राज्यों के हटाए गए पार्टी प्रमुखों में पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू भी शामिल हैं.
उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. देर रात उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया.लल्लू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भेजकर अपना इस्तीफा सौंपा और ट्विटर पर इसे साझा किया.उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं. मेरे जैसे सामान्य कार्यकर्ता पर भरोसा जताने के लिए शीर्ष नेतृत्व का आभार. कार्यकर्ता के तौर पर आम आदमी के अधिकारों की लड़ाई लड़ता रहूंगा. उन्होंने लिखा, ‘समय-समय पर सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ हमने संघर्ष किया, लेकिन इस चुनाव में हमें अप्रत्याशित रूप से हार का सामना करना पड़ा, इस हार की मैं नैतिक रूप से जिम्मेदारी लेते हुए अपने अध्यक्ष पद के दायित्व से इस्तीफा दे रहा हूं.’
हालांकि पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू का अभी तक रुख सामने नहीं आया है. गौरतलब है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव के पहले राहुल और प्रियंका गांधी का भरोसा जीतने वाले सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लेकिन चन्नी को सीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सिद्धू ने खुलकर प्रचार भी नहीं किया. हालत ऐसी हो गई थी कि प्रियंका गांधी ने सिद्धू से बात तक करने से भी इनकार कर दिया था. एक सार्वजनिक रैली के दौरान ही सिद्धू ने भाषण करने से मना कर दिया था और चन्नी से बोलने को कहा था. यह दिखाता है कि मतभेद किस हद तक उभर चुके थे.
पंजाब के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को आम आदमी पार्टी (AAP) क हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है. चार अन्य राज्यों में उसे बीजेपी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी. पार्टी की सबसे बड़ी फजीहत को सियासी रूप से बेहद अहम राज्य, यूपी में हुई जहां पार्टी केवल दो सीटें ही हासिल कर पाई. यही नहीं, इस राज्य में पार्टी का वोट प्रतिशत भी गिरकर 2.5 फीसदी पर आ गया. गत रविवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा था कि वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बने रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं.