बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस घटना को लेकर शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का मुद्दा उठाया गया है. याचिका में अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने की भी मांग की गई है और कहा गया है कि इस मामले की स्वतंत्र जांच के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए और पूरी घटना की जांच SIT से कराई जाए. याचिका में यह भी कहा गया है कि जहरीली शराब पीने से जिन-जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिवारों को मदद के तौर पर मुआवजा दिया जाए.
मालूम हो कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद इस घटना का सामने आना सरकार पर सवालिया निशान लगाता है. बिहार में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 53 लोगों की मौत हो गई है. इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को हिदायत दी थी कि अगर लोग जहरीली शराब का सेवन करेंगे तो वे मौत को गले लगाएंगे. मुख्यमंत्री की तीखी टिप्पणी तब आई जब शराबबंदी की उनकी नीति पर राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने उनके पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर सहित कई लोगों ने उन्हें निशाना बनाया और शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग की.
जिले में छापेमारी तेज
सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने बताया कि पिछले 48 घंटे में समूचे जिले में छापेमारी तेज कर दी गई है और जहरीली शराब बेचने वाले 126 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा, 4000 लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की गई है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने साल 2016 (अप्रैल) में बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. वहीं इस घटना के सामने आने के बाद बीजेपी ने बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला है.
बीजेपी ने साधा निशाना
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को कहा, ‘बिहार में शराबबंदी के बावजूद पुलिस अधिकारियों और राज्य प्रशासन के संरक्षण में जहरीली शराब की बिक्री खूब फल-फूल रही है. वे आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘सारण की घटना राज्य सरकार द्वारा की गई एक सामूहिक हत्या है. इसके लिए राज्य प्रशासन जिम्मेदार है. बीजेपी विधायकों ने सारण में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. मरने वालों की संख्या जिला प्रशासन द्वारा दिए गए आंकड़े से बहुत ज्यादा है.’
बीजेपी के एक और नेता रविशंकर प्रसाद ने भी बिहार की नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राज्य पर से पकड़ कमजोर होती जा रही है. प्रसाद ने कहा, ‘नीतीश कुमार प्रशासन पर से पकड़ खो रहे हैं. वह गैरजिम्मेदाराना और शर्मनाक बयान दे रहे हैं. नीतीश कुमार आप राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा पाल रहे हैं, लेकिन प्लीज पहले बिहार का ख्याल रखें. बिहार आपके हाथों से फिसल रहा है.’