कच्‍चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच सर्वकालिक निचले स्‍तर पर ‘गिरा’ रुपया

Russia Ukraine war: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से रुपये में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 77 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ.बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी पूंजी की बाजार से सतत निकासी, जोखिम उठाने से बचने की मौजूदा प्रवृत्ति ने परेशानियों को और बढ़ा दिया है.अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 77.02 प्रति डॉलर पर खुला. कारोबार के दौरान यह 76.71 प्रति डॉलर के उच्चस्तर तक गया और 77.05 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में यह 77.00 प्रति डॉलर के स्तर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले सात पैसे की गिरावट को दर्शाता है

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने से बाजार में जोखिम उठाने की धारणा प्रभावित हुई है और जिसकी वजह से निवेशक निवेश के सुरक्षित विकल्पों को तलाश रहे हैं.इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत की गिरावट लेकर 99.11 पर कारोबार कर रहा था.वही बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 581.34 अंक चढ़कर 53,424.09 अंक पर बंद हुआ.वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत 2.73 प्रतिशत बढ़कर 126.57 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के फॉरेक्स एवं सर्राफा विश्लेषक, गौरांग सोमैया ने कहा कि अनिश्चितताओं ने कारोबारियों को किनारे कर रखा है, जबकि घरेलू मोर्चे पर कच्चे तेल की कीमतें समग्र बाजार की धारणा को प्रभावित कर रही हैं.एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक, जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘बाजार अभी भी रूसी तेल आपूर्ति पर निर्भर है, यही वजह है कि रुपये के लिए 76.45 रुपये का स्तर, महत्वपूर्ण प्रतिरोध बना हुआ है. रुपये का दायरा 76.45-77.25 के बीच देखा जा सकता है.”

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