कोयला की खरीद-फरोख्त में घोटाला करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोस्टल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई के प्रमोटर एआर बुहारी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि बुहारी ने दाम उच्च क्वालिटी के कोयले के लिए, जबकि निम्न क्वालिटी का कोयला दिया गया. प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया की ईडी ने यह जांच सीबीआई द्वारा दर्ज की गई विभिन्न आपराधिक धाराओं की एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. एफआईआर में बुहारी उसकी कंपनी और सरकार के अधीन रहने वाले उपक्रमों वाली कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया था.
मामले के मुताबिक बुहारी मैसर्स कोस्टल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई के अलावा कॉल एंड आयल ग्रुप दुबई मेसर्स कोस्टल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड मॉरीशस और ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड में स्थित कंपनियों का भी संचालन कर रहे थे. सरकार के अधीन रहने वाले पीएसयू को कोयले की जरूरत थी इसके लिए इस कंपनी को ठेका दिया गया था. यह सप्लाई एमएमटीसी और कंपनी द्वारा सीधे तौर पर की जा रही थी. आरोप है कि इस दौरान निम्न गुणवत्ता वाला कोयला भेजा गया और उसका मूल्य का मूल्यांकन उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का किया गया. इस मामले में मौके पर मौजूद कोयले का नमूना लेकर जब जांच के लिए भेजा गया तो वह निम्न क्वालिटी का साबित हुआ.
जांच के दौरान यह भी पता चला कि बुहारी को इस दौरान अपराध की जो रकम मिली उसे अपनी कंपनियों के माध्यम से अपनी विदेश की कंपनियों में भेज दिया. आरोप के मुताबिक यह रकम 564 करोड रुपए से ज्यादा बताई गई. ईडी का दावा है कि इस मामले में 2020 में अपराध की बड़ी रकम का को जब्त किया गया था. अब ईडी बुहारी से जानना चाहता है कि अपराध की रकम और कहां-कहां है किन देशों में है साथ ही इस मामले में उसका साथ देने वाले अन्य सहयोगी कौन-कौन लोग हैं. मामले की जांच जारी है.